ब्रह्मांड के पहले इंजीनियर कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की जयंती हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है। इस दिन हर कारखाने, फैक्ट्री और दुकानों में उनकी धूमधाम से पूजा की जाती है। इस दिन औजार से जुड़ा काम करने वाले कुशल मजदूर और कामगार औजार का प्रयोग नहीं करते बल्कि उनकी पूजा करके उन्हें एक दिन के आराम देते हैं। इस दिन फैक्ट्रियों में सभी मशीनों और कलपुर्जों की पूजा की जाती है। तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोग विश्वकर्माजी को अपना भगवान मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं। आइए आपको बताते हैं कि इस साल विश्वकर्मा पूजा 16 को या फिर 17 सितंबर को है।
विश्वकर्मा पूजा 2024 तिथि
विश्वकर्मा पूजा को लेकर लोगों के बीच में इस बार कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। हर साल भाद्रपद मास में सूर्य जब सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करते हैं तो विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है। हर साल 17 सितंबर को यह पूजा की जाती है। लेकिन इस बार लोगों के मन में 16 सितंबर को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। इस बार सूर्य 16 सितंबर की शाम को 7 बजकर 29 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए विश्वकर्मा जयंती अगले दिन यानी कि 17 सितंबर को मनाई जाएगी। बिहार, बंगाल और झारखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश में विश्वकर्मा पूजा विधिविधान से की जाती है। इस दिन कुशल कामगार जैसे कारपेंटर, बिजली के उपकरणों को सही करने वाले या फिर अन्य तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोग भी भगवान विश्वकर्मा को भोग प्रसाद चढ़ाते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
विश्वकर्मा पूजा का महत्व
विश्वकर्मा पूजा न सिर्फ मजदूरों और कामगारों बल्कि हम सभी के लिए भी जरूरी मानी जाती है। आज के युग में हर व्यक्ति मोबाइल और लैपटॉप के बिना अपना काम नहीं कर पाता है। इसलिए ये भी एक प्रकार की मशीन हैं और इनका प्रयोग करने वाले सभी लोगों के लिए भी विश्वकर्मा पूजा का महत्व बहुत खास माना गया है। इसलिए विश्वकर्मा पूजा के दिन हम सभी को पूजा करनी चाहिए और साथ ही यह भी प्राार्थना करनी चाहिए कि हम जिस भी मशीन से जुड़ा काम करते हैं साल भर वह मशीन ठीक से सुचारू रूप से कार्य करे, ताकि हमारे रोजाना के काम में बाधा न आएं।
विश्वकर्मा पूजाविधि
० विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह सबसे पहले मशीनों की खूब अच्छे से साफ-सफाई करें और उसके बाद इन मशीनों को ऑफ करके इनकी पूजा करें।
० भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या मूर्ति को मशीनों के पास में रखकर साथ में दोनों की पूजा करनी चाहिए।
० इस दिन मशीनों के साथ-साथ आपको अपने वाहनों की पूजा करनी चाहिए। इस दिन घर की सभी छोटी-बड़ी मशीनों की पूजा करनी चाहिए और साथ ही आपको भोग व प्रसाद भी इस दिन चढ़ाना चाहिए।
० विश्वकर्मा पूजा के दिन आपको घर की बनी शुद्ध चीजों का ही भोग लगाना चाहिए।
० इनमें मोतीचूर के लड्डू, मीठी बूंदी, चावल की खीर या हलवे का भोग आप लगा सकते हैं।
० विश्वकर्मा पूजा के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को रोजाना में प्रयोग आने वाली वस्तुओं का दान भी करना चाहिए।