नेशनल न्यूज़। सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत के पहले अंतरिक्ष-आधारित मिशन आदित्य एल1 (Aditya L1) ने अपना वैज्ञानिक प्रयोग शुरू कर दिया है। इसरो ने ट्वीट कर यह खुशखबरी दी है। इसरो ने बताया कि सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत की पहली अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला पर एक रिमोट सेंसिंग पेलोड ने पृथ्वी से 50,000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर सुपरथर्मल आयनों या बहुत ऊर्जावान कणों और इलेक्ट्रॉनों को मापना शुरू कर दिया है।
ISRO ने कहा कि यह सुप्रा थर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (STEPS) नामक उपकरण के सेंसर हैं जिन्होंने वैज्ञानिक डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है। ISRO ने पोस्ट में लिखा कि यह डेटा वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करेगा।
आज रात पृथ्वी छोड़ेगा आदित्य L1
इसरो ने बताया कि आदित्य L1 अपने मिशन के एक महत्वपूर्ण चरण को शुरू करने के लिए तैयार है। इसरो ने कहा कि अंतरिक्ष यान सोमवार की मध्यरात्रि में ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (TL1I) से गुजरेगा। TL1 इंसर्शन पृथ्वी की कक्षा से एक प्रक्षेपण है जो 19 सितंबर को भारतीय समयानुसार सुबह लगभग 2:00 बजे आयोजित किया जाएगा। यह पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु 1 (L1) की लगभग 110-दिवसीय यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है।
बता दें कि 2 सितंबर को आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च हुआ था। इस मिशन का मकसद सूर्य के प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और कोरोना का अध्ययन करना है। यह अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता और कणों और क्षेत्रों के प्रसार की भी जांच करेगा।