Weather: देश में अगले तीन महीनो में कम रहेगी ठंड, कई राज्यों में बाढ़ व तूफान का खतरा; तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना

दिल्ली। भारत में आगामी तीन महीनों के दौरान सामान्य से अलग मौसम पैटर्न देखने को मिलेगा। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अक्तूबर से दिसंबर 2025 के बीच देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होगी, लेकिन उत्तर भारत में सामान्य से कम वर्षा होगी। जबकि तापमान सामान्य से ऊपर रहने की आशंका है।
कमजोर ला नीना जैसी परिस्थितियां बनने से कहीं अतिरिक्त बारिश और ठंडी हवाएं तो कहीं उमस और गर्मी की स्थिति पैदा हो सकती है। यह परिदृश्य कृषि और जल संसाधनों के लिए राहतकारी तो होगा, लेकिन बाढ़, तूफान और जलभराव जैसी आपदाओं का खतरा भी बढ़ाएगा। वहीं, उत्तर भारत में सर्दियों का असर कमजोर पड़ सकता है और ठंड सामान्य से कम होगी।
रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना। पूर्वी यूपी और बिहार में औसत या हल्की अधिक वर्षा हो सकती है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सामान्य से कम बारिश और बर्फबारी दर्ज हो सकती है। इससे पहाड़ी इलाकों में ठंडक अपेक्षाकृत कम महसूस होगी और न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रह सकता है। दक्षिण भारत में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान है। पूर्वोत्तर और तटीय क्षेत्र में अतिरिक्त वर्षा की आशंका, जिससे नदियों में बाढ़ का खतरा। उत्तर-पश्चिम भारत के राजस्थान, गुजरात में औसत या उससे कम वर्षा की संभावना है।
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर भारत में सर्दियों का तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। दिल्ली- एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और गंगा के मैदानी इलाकों में ठंड कम पड़ेगी लेकिन स्मॉग और प्रदूषण की स्थिति और गंभीर हो सकती है। ठंड कम होने से वातावरण में ठहराव (एटमॉस्फेरिक इनवर्जन) की स्थिति लंबे समय तक बनी रह सकती है जिससे धूल, धुआं और प्रदूषक कण ऊपर नहीं उठ पाते और जमीन के करीब ही फंसे रहते हैं। इसके साथ ही, पराली जलाने, औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों से निकलने वाला धुआं मिलकर प्रदूषण को और घना बना देगा।