#प्रदेश

हिंसा के चौथे दिन भी लेह में कर्फ्यू जारी, जरुरत के सामानों की बढ़ रही किल्लत, राशन, दूध और सब्जियां हुई कम

Advertisement Carousel

 

लेह। कर्फ्यू के बीच गृह मंत्रालय की टीम शुक्रवार को लेह पहुंच गई है। मंत्रालय के अधिकारियों ने टीम सुरक्षा स्थिति की समीक्षा कर रही है। उन्होंने उपराज्यपाल, नागरिक और पुलिस अधिकारियों के अलावा लेह सर्वोच्च निकाय के प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें की हैं। इस बीच कर्फ्यू की वजह से लेह में रोजमर्रा कर जरूरत का सामान उपलब्ध नहीं हो रहा है।

कई इलाकों में लोगों ने उन्हें राशन, दूध और सब्जियों सहित जरूरी सामान की कमी हो रही है। लेह के जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को दो दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया है।

 

इसके अलावा आंगनवाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे। इस बीच, युवकों के माता-पिता ने अस्पताल के आपातकालीन कक्ष के बाहर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि कुछ बच्चों को रिहा कर दिया गया है और उनके बच्चों को जानबूझकर हिरासत में रखा जा रहा है। इसलिए उन्हें भी रिहा किया जाना चाहिए।

घायलों में से छह की हालत गंभीर बनी हुई है और लगभग 27 मरीज एसएनएम अस्पताल में भर्ती हैं। लेह शहर में वर्तमान स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन हिंसक विरोध प्रदर्शन और बढ़ते राजनीतिक तनाव के बाद आम जनता में काफी चिंता है। लेह सर्वोच्च निकाय ने स्पष्ट किया है कि स्थानीय पुलिस थाने में हिरासत में लिए गए युवकों ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है।

कारगिल में पटरी पर जनजीवन दुकानें खुलीं और ग्राहक निकले
लद्दाख में विरोध-प्रदर्शनों के समर्थन में पूर्ण बंद के बाद शुक्रवार को कारगिल शहर में सामान्य जनजीवन फिर से शुरू हो गया। एक दिन के बंद के बाद दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और बाजार खुल गए।

हालांकि किसी भी उपद्रव को रोकने के लिए संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात रहा। सुबह कारगिल में व्यापारियों ने दुकानें खोलीं। सामान्य व्यावसायिक गतिविधियां बहाल रहीं। ग्राहक बाजारों में सतर्कता के साथ निकले।

निवासियों ने दैनिक दिनचर्या में वापसी का स्वागत किया है। कई इलाकों में पुलिस गश्त जारी रही। कारगिल में स्थिति सामान्य हो गई है लेकिन लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस दोनों ने अपनी सांविधानिक मांगों पर ध्यान दिए जाने तक आंदोलन जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई है। इस बीच प्रशासन शांति बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी रख रहा है।