रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर सांसद निर्वाचित होने पर बृजमोहन अग्रवाल के विधायक पद से इस्तीफे देने के बाद से ही प्रदेश में रायपुर दक्षिण विधानसभा की सीट खाली है। जल्द ही यहां उपचुनाव की की घोषणा होगी और चुनाव की तारीख घोषित होते ही आचार संहिता लागू हो जाएगी। इस संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने संकेत दिए हैं। वह विधानसभा उप निर्वाचन के लिए रिटर्निंग ऑफिसर, सहायक रिटर्निंग आफिसर, नोडल अधिकारियों और तकनीकी अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह जानकारी दी हैं।
मुख्य निर्वाचन अदिकारी ने विधानसभा उप निर्वाचन के दौरान सभी प्रक्रियाएं पारदर्शिता और निष्पक्षता से संपन्न कराने कहा। उन्होंने कहा कि रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव होगा। उप चुनाव की तारीख घोषित होते ही आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी। उन्होंने चुनाव के लिए संबंधित अधिकारियों को विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों का निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लेने कहा। सभी मतदान केंद्रों में छाया, पेयजल, शौचालय, रैंप आदि व्यवस्थाएं उपलब्ध करने के निर्देश दिए।
नौ सत्रों में अधिकारियों को आदर्श आचरण संहिता, नामांकन प्रक्रिया, मीडिया प्रमाणन एवं अनुश्रवण समिति (एमसीएमसी), निर्वाचक नामावली, पोस्टल बैलेट, ईटीपीबीएस, निर्वाचन व्यय मॉनिटरिंग, जिला निर्वाचन प्रबंधन योजना, मतदान दलों एवं मतदान के दिन की व्यवस्थाओं, ईवीएम, मतगणना तथा निर्वाचन के दौरान प्रयुक्त आइटी एप्लीकेशंस की बारीकियों के बारे में बताया गया।
नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर पुलक भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद जो व्यक्ति उस क्षेत्र के निवासी नहीं है, उसे क्षेत्र से बाहर जाना होगा। आदर्श आचार संहिता के प्रभावी रहने के दौरान जिले में किसी भी तरह के आयोजन के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
पेड न्यूज पर रखें नजर
नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर यूएस अग्रवाल ने प्रशिक्षण के दौरान नामांकन की प्रक्रिया के बारे में बताया।उन्होंने उम्मीदवारों की पात्रता, नामांकन के समय संलग्न किए जाने वाले दस्तावेजों, नामांकन शुल्क, नामांकन पत्रों की संवीक्षा, चुनाव चिन्ह आवंटन, उम्मीदवारों द्वारा दिए जाने वाले शपथ पत्रों तथा रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में नामांकन के लिए जरूरी सुविधाओं के बारे में बताया। पेड न्यूज पर भी नजर रखने के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित तिथियों के बीच जनमत सर्वेक्षण और एक्जिट पोल प्रतिबंधित रहेगा।