#प्रदेश

शहर के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संजय शर्मा ने मल्हार के भगवान विष्णु की मूर्ति को संरक्षित करने की मांग

Advertisement Carousel

 

० मल्हार के एक कमरे में बंद है भगवान विष्णु की 2200 वर्ष पुरानी प्रतिमा को मिले उचित स्थान : डॉ संजय शर्मा

रायपुर। शहर के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि बिलासपुर जिले के ऐतिहासिक स्थल मल्हार में भगवान विष्णु की लगभग 2200 वर्ष पुरानी पाषाण प्रतिमा बंद अवस्था में रखी हुई है। उन्होंने मांग की है कि इस अमूल्य धरोहर को सुरक्षित तरीके से संरक्षित किया जाए, ताकि देश और प्रदेश के लोग छत्तीसगढ़ के प्राचीन इतिहास से परिचित हो सकें।

डॉ. शर्मा के बताया यह प्रतिमा करीब चार फीट ऊँची है, जिसमें भगवान विष्णु के दोनों हाथों में शंख, चक्र और गदा अंकित हैं। यह मूर्ति भिन्न और अत्यंत प्राचीन शैली में निर्मित है।

उन्होंने बताया यह खोज उन्होंने कोरोना काल के दौरान की थी। इसके बाद उन्होंने देश और विदेश के सौ से अधिक संग्रहालयों का अध्ययन किया, लेकिन कहीं भी ऐसी मूर्ति नहीं मिली, जो इस प्रतिमा की कलात्मक शैली और प्रतीकात्मकता से मेल खाती हो।
डॉ.शर्मा ने बताया कि प्राचीन काल में भगवान विष्णु की मूर्तियां भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया दोनों जगहों पर पाई गई हैं, जिनकी शैली समय के साथ विकसित होती रही है। भारत में गुप्त काल तथा कंबोडिया के खमेर साम्राज्य काल की मूर्तियां इस परंपरा के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। उनका कहना है कि अब तक ज्ञात विष्णु मूर्तियों में सबसे पुरानी प्रतिमाएं कुषाण काल (30–375 ईस्वी) की मानी जाती हैं, जो मुख्यत मथुरा क्षेत्र में पाई गई हैं।

उन्होंने बताया कि इस प्रतिमा के संदर्भ में कई प्रामाणिक ग्रंथों में भी उल्लेख मिलता है — जिनमें “द बुक ऑफ विष्णु” (लेखक: नंदिता कृष्णा), महाभारत (बुक-2, चैप्टर 30 और ओमप्रकाश मिश्रा की “आर्कियोलॉजिकल एक्सकवेशन इन सेंट्रल इंडिया” जैसी प्रतिष्ठित पुस्तकों में भी इसका उल्लेख है।
डॉ. शर्मा ने यह जानकारी देते हुए कहा कि उनकी यह खोज केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि इतिहास और पुरातत्व के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सरकार और पुरातत्व विभाग से आग्रह किया है कि इस प्राचीन मूर्ति को बाहर निकालकर उचित सम्मान के साथ संरक्षित और प्रदर्शित किया जाए और इस प्रतिमा को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को नया गौरव मिल सके।