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कब है शरद पूर्णिमा, 16 या 17 अक्टूबर? खीर रखने के समय रहेगा भद्रा और रोग पंचक, जानें मुहूर्त

शरद पूर्णिमा का पावन पर्व कब है? इस साल शरद पूर्णिमा की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति है. शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को है या फिर 17 अक्टूबर को? व्रत, त्योहार आदि के लिए उदयातिथि की मान्यता है. शरद पूर्णिमा के लिए अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का होना जरूरी होता है. शरद पूर्णिमा को पवित्र नदी में स्नान करने और उसके बाद दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी में खीर रखते हैं. माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत की बूंदें गिरती हैं, जिससे वह खीर औषधिय गुणों वाला हो जाता है, जिसको खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है. इस बार शरद पूर्णिमा को रात जब आप खीर रखेंगे, उस समय भद्रा और रोग पंचक होगा. आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा की सही तारीख क्या है? शरद पूर्णिमा का मुहूर्त क्या है?

शरद पूर्णिमा तारीख 2024
दृक पंचांग के अनुसार, शरद पूर्णिमा के लिए इस साल अश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर को रात 8:40 बजे से शुरू होगी. यह तिथि 17 अक्टूबर को शाम 4:55 बजे खत्म होगी. उदयातिथि के आधार पर देखा जाए तो अश्विन पूर्णिमा 17 अक्टूबर को है. लेकिन शरद पूर्णिमा के लिए चंद्रमा का अश्विन पूर्णिमा तिथि में होना जरूरी है.

इस स्थिति में देखा जाए तो अश्विन पूर्णिमा तिथि 17 अक्टूबर को शाम में ही खत्म हो जा रही है. 16 अक्टूबर को अश्विन पूर्णिमा तिथि में चंद्रोदय होगा और पूरी रात चंद्रमा मौजूद होगा. ऐसे में इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर बुधवार को है. यही इसकी सही तारीख है.

शरद पूर्णिमा 2024 मुहूर्त
16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा की रात में खीर रखने का विधान है. शरद पूर्णिमा को शाम 5 बजकर 5 मिनट पर चांद निकलेगा. उस दिन का सूर्यास्त शाम को 5 बजकर 50 मिनट पर होगा.

शरद पूर्णिमा पर खीर रखने का समय 2024
शरद पूर्णिमा को शाम 7:18 बजे से रेवती नक्षत्र का प्रारंभ है. रेवती नक्षत्र को शुभ माना जाता है. आप शरद पूर्णिमा की खीर शाम को 7:18 बजे के बाद रख सकते हैं. हालांकि शरद पूर्णिमा की रात जब चंद्रमा पूर्ण रूप से दिखाई देने लगे और उसकी किरणें आप तक पहुंचने लगें. तब आप खीर बनाकर उसे खुले में रख दें.

रवि योग में शरद पूर्णिमा 2024
इस साल की शरद पूर्णिमा रवि योग में है. शरद पूर्णिमा के दिन रवि योग सुबह में 6 बजकर 23 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. वहीं ध्रुव योग सुबह में 10 बजकर 10 मिनट तक होगा. उसके बाद से व्याघात योग रहेगा. शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा मीन राशि में होगा.

शरद पूर्णिमा 2024 भद्रा और रोग पंचक
इस साल शरद पूर्णिमा पर भद्रा का साया है और रोग पंचक भी है. भद्रा का प्रारंभ रात में 8 बजकर 40 मिनट पर हो रहा है. जो अगले दिन 17 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 23 मिनट तक है. इस भद्रा का वास पृथ्वी पर है. शरद पूर्णिमा को पूरे दिन रोग पंचक है.

 

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