रायपुर। छत्तीसगढ़ की 20 विधानसभा सीटों पर पहले चरण के मतदान के लिए विश्लेषण किए गए 223 उम्मीदवारों में से कम से कम 26 के खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड हैं। इनमें अधिकतम पांच उम्मीदवार भाजपा से हैं। छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में सभी 223 उम्मीदवारों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया गया, जो 7 नवंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में चुनाव लड़ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषण किए गए 223 उम्मीदवारों में से 26 (12 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इसमें कहा गया है कि 16 (7 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख दलों में से विश्लेषण किए गए 20 उम्मीदवारों में से 5 (25 प्रतिशत) भाजपा से हैं। कांग्रेस से विश्लेषण किए गए 20 उम्मीदवारों में से 2 (10 प्रतिशत), जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से विश्लेषण किए गए 15 उम्मीदवारों में से 3 (20 प्रतिशत) और आप से विश्लेषण किए गए 10 उम्मीदवारों में से 4 (40 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख दलों में विश्लेषण किए गए 20 में से चार (20 प्रतिशत) उम्मीदवार भाजपा से हैं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से विश्लेषण किए गए 15 उम्मीदवारों में से 2 (13 प्रतिशत) और आप से विश्लेषण किए गए 10 उम्मीदवारों में से 1 (10 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि 20 निर्वाचन क्षेत्रों में से 5 (25 प्रतिशत) रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र हैं। रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र वे हैं जहां तीन या अधिक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में लड़ने वाले सभी प्रमुख दलों ने 10 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी 2020 के अपने निर्देशों में राजनीतिक दलों को विशेष रूप से निर्देश दिया था कि वे ऐसे चयन के लिए कारण बताएं और बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य व्यक्तियों को उम्मीदवार के रूप में क्यों नहीं चुना जा सकता है।