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शिल्पग्राम में झलकी छत्तीसगढ़ की परंपरा और रचनात्मकता

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० आगंतुकों को खूब लुभा रही कोसा और रेशमी साड़ियाँ, खादी परिधान

० बेलमेटल, काष्ठ कला, माटी कला और टेराकोटा से निर्मित सजावटी वस्तुओं के प्रति दिख रहा रुझान

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की 25 वीं वर्षगांठ रजत जयंती के अवसर पर नवा रायपुर में आयोजित भव्य राज्योत्सव में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। राज्योत्सव परिसर में निर्मित शिल्पग्राम में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं और विभिन्न स्टॉलों से मनपसंद चीजों की खरीददारी कर रहे हैं। यहां प्रदेशभर से आए बुनकर और शिल्पकार अपने श्रेष्ठ उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय कर रहे हैं, जिनमें कोसा और रेशमी साड़ियाँ, पारंपरिक ड्रेस मटेरियल, खादी परिधान, बेलमेटल, काष्ठ कला, माटी कला और टेराकोटा की आकर्षक वस्तुएँ आगंतुकों को खूब लुभा रही हैं।

शिल्पग्राम प्रदेश की समृद्ध कला, संस्कृति और शिल्पकला का केंद्र

महोत्सव में स्थापित शिल्पग्राम प्रदेश की समृद्ध कला, संस्कृति और शिल्पकला का केंद्र बिंदु बना हुआ है। यहां हस्तशिल्प, माटीकला, खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, रेशम प्रभाग, बिलासा हैंडलूम, हथकरघा इत्यादि के स्टाल लगाए गए हैं। साथ ही राज्योत्सव घूमने आए लोगों के लिए विशेष सजावट कर रंग-बिरंगे और छत्तीसगढ़ के पारंपरिक आभूषणों, पर्वों के प्रतीकों पर आधारित सेल्फ़ी पॉइंट भी बनाए गए हैं, जिसमें सेल्फ़ी लेने की होड़ मची है।

शिल्पियों को भी बेहतर आय

यहां बिचौलियों के अभाव में ग्राहकों को उचित मूल्य पर उत्पाद सुलभ हो रही हैं, वहीं शिल्पियों को भी बेहतर आय हो रही है। कुछ दुकानों में अच्छे उत्पाद बाजार से कम मूल्य पर भी उपलब्ध है। ग्राहकों को शिल्पकारों और बुनकरों द्वारा उत्पादों में छूट भी दी जा रही है।

रेशम कीट और तितली की अनोखी कलाकृति भी लोगों के आकर्षण का केंद्र

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दिए गए इस मंच ने स्थानीय कला, हस्तशिल्प और उत्पादों को नई पहचान देने के साथ ही बाजार उपलब्ध कराया है। शिल्पग्राम में स्थापित रेशम कीट और तितली कोकून की अनोखी कलाकृति भी लोगों के बीच रुचि का विषय है। शिल्पग्राम इस बार रजत जयंती महोत्सव की शोभा बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत का भव्य उत्सव बना हुआ है और लोगों को प्रदेश की लोककला, हस्तकला और परंपराओं का अद्भुत अनुभव प्रदान कर रहा है।