मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकबला तो महायुति और महाविकास अघाड़ी में है, लेकिन कई सीटों पर बागियों के खड़े होने से मुकबला रोचक लग रहा है। सात सीटें ऐसे हैं जहां हम नाम उम्मीदवारों की भरमार है। भाजपा ने हरियाणा की जीत का फार्मूला महाराष्ट्र में भी प्रयोग करने की जुगत में है। वोट के बंटवारे के लिए भाजपा कई निर्दलियों और छोटे दलों के लोगों को मैदान में उतारने की रणनीति बना रही है, वहीं अपने बागियों को मनाने में लगी है। महायुति और महाविकास अघाड़ी में शामिल दल वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए आपस में सीटों का बंटवारा किया है , पर कुछ सीटें ऐसे हैं जहाँ तालमेल नहीं हो पाया और अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ सहयोगी दलों के उम्मीदवार भी मैदान में हैं। माना जा रहा है महाराष्ट्र की सरकार बनाने में विदर्भ की सीटें अहम होंगी।
महराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को सभी 288 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। नतीजे 23 नवंबर को घोषित होगा। दरअसल, एमवीए और महायुति को बागियों के चलते हार का डर सता रहा है। दोनों खेमे सोच रहे हैं कि बागी उनके वोट काट सकते हैं, जिसके चलते वो उन्हें मनाने में जुट गए हैं। इस बीच तीन बड़े चेहरों के नामांकन वापस लेने के चलते भाजपा ने राहत की सांस ली है। माना जा रहा है कि भाजपा ने ही इन्हें मनाया है। भाजपा के बागी नेता और पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने पार्टी द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल किया था। अब उन्होंने मुंबई की बोरीवली विधानसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की घोषणा की। शेट्टी की बगावत को भाजपा के गढ़ में झटका माना जा रहा था। उन्होंने 2014 और 2019 में चार लाख से अधिक के अंतर से मुंबई उत्तर लोकसभा सीट जीती थी , लेकिन 2024 के आम चुनावों में उन्हें टिकट नहीं दिया गया। यह सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल ने जीती, जो अब केंद्रीय मंत्री हैं। भाजपा ने बोरीवली सीट से संजय उपाध्याय को उम्मीदवार बनाया है। रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने शेट्टी से मुलाकात की और उन्हें नामांकन वापस लेने के लिए राजी किया। शेट्टी ने कहा कि अब मैं भाजपा उम्मीदवार का समर्थन करुंगा। अंधेरी ईस्ट विधानसभा से स्वीकृति शर्मा ने भी अपना नामांकन वापस लेने की घोषणा की है । स्वीकृति एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी हैं और वो शिवसेना (शिंदे गुट) ने नेता मुरजी पटेल को चुनौती दे रही थीं। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने भी अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की घोषणा की है। उन्होंने नामांकन दाखिल करने वाले अपने समर्थकों से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने को कहा। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किसी भी उम्मीदवार या पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे।
हरियाणा और जम्मू कश्मीर के चुनाव के बाद सभी की निगाहें महाराष्ट्र के चुनाव पर टिकीं हैं। महाराष्ट्र का चुनाव इसलिए खास है क्योंकि ये राजनीतिक महत्व रखने वाला देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। हरियाणा में हार के बाद एक ओर जहां कांग्रेस अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जता रही है, तो वहीं दूसरी तरफ़ भाजपा भी जोश से भरी नज़र आ रही है। लोकसभा चुनाव में भाजपा और उसके गठबंधन को झटके लगे थे। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। जीत का आंकड़ा छूने के लिए किसी भी दल को 145 सीटों की ज़रूरत पड़ती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा हरियाणा चुनाव में चर्चा का विषय रहा है। अब ये राजनीतिक प्रयोग महाराष्ट्र में भी शुरू हो गया है। कुछ दिन पहले मुंबई और ठाणे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो के साथ ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के संदेश वाले होर्डिंग्स देखे गए थे। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को महाराष्ट्र में अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी। इसके चलते अब भाजपा ने हर विधानसभा के लिए नई रणनीति बनाई है। छह नवंबर से महाराष्ट्र में भाजपा के शीर्ष नेताओं की कई चुनावी सभाएं होनी हैं। इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की करीब 15 चुनावी सभाएं होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी डेरा डालने वाले हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना, शरद पवार और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के लिए लिटमस टेस्ट की तरह देखा जा रहा है। चारों दलों के लिए साख का सवाल बने चुनाव में हमनाम निर्दलीय उम्मीदवारों ने नेताओं की नींद उड़ा दी है। पुणे जिले की पार्वती सीट पर महायुति की ओर से भारतीय जनता पार्टी ने माधुरी मिसाल और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की ओर से शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( शरद पवार ) ने अश्विनी कदम को उम्मीदवार बनाया है। कड़े मुकाबले वाली इस सीट पर अश्विनी कदम नाम के तीन निर्दलीय भी चुनाव मैदान में हैं। पुणे जिले की ही इंद्रापुर विधानसभा सीट पर महायुति में शामिल अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी से दत्तात्रेय भरणे और शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी से हर्षवर्धन पाटिल मैदान में हैं। इस सीट पर हर्षवर्धन पाटिल नाम के दो और नेता बतौर निर्दलीय मैदान में हैं। दत्तात्रेय भरणे नाम का भी एक निर्दलीय मैदान में है।
पुणे जिले की वडगांव शेरी विधानसभा सीट पर एनसीपी (अजित पवार ) के उम्मीदवार मौजूदा विधायक सुनील टिंगरे के खिलाफ एनसीपी (शरद पवार ) ने बापूसाहेब तुकाराम पठारे को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर बापू बबन पठारे ने भी नामांकन दाखिल किया है। एनसीपी(शरद पवार ) के उम्मीदवार ने तो अहिल्यानगरी जिले के निवासी अपने हमनाम निर्दलीय उम्मीदवार का नामांकन अस्वीकार करने की मांग भी चुनाव अधिकारी से की थी, हालांकि, ऐसा हुआ नहीं।रत्नागिरी जिले की दापोली विधानसभा सीट पर एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने योगेश कदम को टिकट दिया है, वहीं, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना यूबीटी से संजय कदम उम्मीदवार हैं। इस सीट पर योगेश कदम और संजय कदम, दोनों ही नाम वाले दो-दो निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं। सतारा जिले की कोरेगांव विधानसभा सीट पर एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना से महेश संभाजी राजे शिंदे और एनसीपी (शरद पवार) के शशिकांत शिंदे के बीच मुकाबला है। इस सीट पर महेश नाम के तीन उम्मीदवार बतौर निर्दलीय मैदान में हैं। इनमें से दो निर्दलीयों के नाम महेश माधव शिंदे और महेश सखाराम शिंदे हैं जबकि एक उम्मीदवार का नाम महेश माधव कांबले है। जलगांव जिले की मुक्ताईनगर विधानसभा सीट पर शिवसेना (शिंदे) के चंद्रकांत पाटिल और एनसीपी की रोहिणी एकनाथ खड़से के बीच मुकाबला है। इस सीट पर रोहिणी पंडित खड़से और रोहिणी गोकुल खड़से नाम की दो निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं. रोहिणी खड़से नाम वाली इन दोनों ही महिला उम्मीदवारों में से कोई भी मुक्ताईनगर क्या, जलगांव जिले से भी नहीं हैं। एक रोहिणी वाशिम जिले से हैं तो दूसरी अकोला से है। इस सीट पर चंद्रकांत पाटिल नाम के भी दो निर्दलीय मैदान में हैं। अहमदनगर जिले की कर्जत-जामखेड विधानसभा सीट पर भाजपा से राम शिंदे और एनसीपी (शरद पवार ) के रोहित पवार के बीच मुकाबला है। शरद पवार के परिवार से ही आने वाले रोहित पवार की उम्मीदवारी से हॉट सीट बने कर्जत-जामखेड में भी राम शिंदे और रोहित पवार नाम के दो-दो निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में ताल ठोक रहे हैं। सांगली जिले की तासगांव-कवठे महाकाल विधानसभा सीट पर दोनों एनसीपी में मुकाबला है। एनसीपी (अजित पवार ) से संजय काका पाटिल और एनसीपी (शरद पवार ) से रोहित पाटिल चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर रोहित पाटिल नाम के तीन निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। संजय पाटिल नाम के एक नेता ने भी बतौर निर्दलीय नामांकन भरा है। सांगली जिले की ही इस्लामपुर विधानसभा सीट पर एनसीपी (अजित पवार ) ने निशिकांत पाटिल और एनसीपी (शारद पवार ) ने जयंत पाटिल को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर निशिकांत पाटिल नाम वाले दो, जयंत पाटिल नाम के दो निर्दलीय भी मैदान में हैं।