राज्योत्सव में पुलिस विभाग की प्रदर्शनी बनी सजीव रंगमंच,नए कानूनों पर आधारित प्रश्नोत्तरी के प्रति लोगों ने दिखाई रुचि
० “न्यायपथ” नाटक के माध्यम से आकर्षक तरीके से दी जा रही पुलिस कार्यप्रणाली एवं नए आपराधिक कानूनों की जानकारी
रायपुर। राज्योत्सव में इस बार कुछ ऐसा देखने को मिल रहा है जो सभी के लिए कुछ नया है। जहां पुलिस विभाग की नए आपराधिक कानूनों पर बनाई गई प्रदर्शनी सजीव रंगमंच बन चुकी है और पुलिस मुख्यालय के अधिकारी इस मंच के नाट्य अभिनेता। कोई पुलिस अधिकारी बनें हैं पीड़ित तो कोई बना है जज और सभी मिलकर लोगों को दे रहे हैं नवीन आपराधिक कानूनों की जानकारी। किस प्रकार नए भारत के नए कानून लोगों को त्वरित न्याय दिलाने में सहयोगी हो रहे हैं प्रदर्शित किया जा रहा है।
राज्योत्सव में बनी पुलिस की प्रदर्शनी में लगातार लोगों की बड़ी संख्या में आवाजाही बनी हुई है। जहां वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह द्वारा निर्देशित नाटक ‘न्यायपथ – नये कानूनों का नया दौर दण्ड से न्याय की ओर’ का आकर्षक तरीके से प्रदर्शन किया जा रहा है। इस नाट्य प्रस्तुति में पुलिस की कार्यप्रणाली में नए आपराधिक कानूनों और न्याय सहिंता में हुए बदलावों को दिखाते हुए उनके द्वारा प्रकरणों के त्वरित न्याय की व्यवस्था को दर्शाया गया है।
एसोसिएट डायरेक्टर श्री आनंद ने बताया कि इस नाटक में किसी घटना के घटित होने के बाद उस पर पुलिस की कार्रवाई और नवीन आपराधिक कानूनों से जनता के हित में बनाये गए प्रावधानों को दिखाया गया है। जहां घटना के बाद 112 कंट्रोल रूम में घटना की जानकारी, मोबाइल डाटा टर्मिनल द्वारा पीड़ित तक पहुंच, केंद्रीय कमान और नियंत्रण केंद्र द्वारा उसका समन्वयन, ई एफआईआर एवं जीरो एफआईआर जारी करने के तरीके, आईओ मितान ऐप्प से फ़ोटो मैच फीचर के द्वारा सीसीटीएनएस में फेस मैच एवं मोबाइल डाटा टर्मिनल से छानबीन का दृश्य दिखाया गया है। यहां थाना सिटी कोतवाली रायपुर का भी दृश्य बनाया गया है जहां सेल को प्रदर्शित किया गया है।
जहां अपराध की जांच के लिए क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर (क्रिमेक), एनसीआरबी की योजना के तहत नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआईएस), क्रिमिनल प्रोसीजर आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (सीआरपीआईएस) का प्रदर्शन किया गया है। इसके साथ ही मेडिकल जांच और मेडिकल रिपोर्ट की ऑनलाइन तीव्र गति से निपटान के लिए मेडलीपर सिस्टम को दिखाया जा रहा है। इसके द्वारा पोस्टमार्टम और अन्य रिपोर्ट समय पर प्राप्त होगी। ई- फोरेंसिक्स द्वारा सबूतों की जांच एवं अन्वेषण को दर्शाया जा रहा हैं।
इसके बाद कोर्ट की प्रणाली में नए आपराधिक कानूनों से ई प्रॉसिक्यूशन एवं ई साक्ष्य द्वारा न्यायिक प्रकरणों के अविश्वसनीय गति से सम्पन्न होने को प्रदर्शित किया गया है। जिससे न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और प्रभावशालिता में वृद्धि हुई है। साथ ही ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा आरोपियों को कोर्ट में पेश करने का प्रदर्शन किया गया है। इसके साथ ही उच्च न्यायालय में ई साक्ष्य के साथ त्वरित न्याय को भी दिखाया गया है। जहां 60 दिनों में न्याय प्रक्रिया के पूर्णता को दिखाया है। इस नाटक के माध्यम से नवीन आपराधिक कानूनों से न्याय के चारों स्तंभों पुलिस, मेडिकल, अभियोजन एवं न्यायालय में एकीकरण द्वारा लोगों को जल्द मिलने वाले लाभ को बताया गया है। जहां हर प्रक्रिया निर्धारित समय में तकनीकी सहायता से सम्पन्न होगी।
जहां नवीन आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय सुरक्षा अधिनियम पर आधारित क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई है। जिसमें कानूनों से जुड़े आसान सवाल हैं और क्विज के अंत में उनके सही जवाब भी बताएं जाते हैं।
सभी प्रदर्शनी में आकर लें विशेष क्विज प्रतियोगिता में भाग – उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने सभी नागरिकों से गृह विभाग द्वारा आयोजित आकर्षक प्रदर्शनी में आकर नवीन आपराधिक कानूनों की जानकारी लेने एवं पुलिस कार्यप्रणाली एवं न्याय प्रणाली में तकनीकी के उपयोग द्वारा पारदर्शिता और प्रभाविता का अवलोकन करने साथ ही क्यूआर कोड द्वारा नवीन आपराधिक कानूनों पर आधारित विशेष क्विज प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सभी को आमंत्रित किया है।





