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जमीन दलालों पर नकेल का फरमान, राजस्व विभाग ने कलेक्टरों को सौंपी जिम्मेदारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व विभाग ने जमीन दलालों पर नकेल कसने के निर्देश सभी कलेक्टरों को दिए हैं। खासतौर से खनन के लिए आबंटित भूमि को लेकर बिचलियों द्वारा वास्तविक हकदार के साथ खिलवाड़ करने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश राजस्व विभाग ने जारी किया है और इसकी जिम्मेदारी कलेक्टरों को सौंपी है।

आमतौर पर देखा जाता है कि बिचौलिये जमीन की कीमतें बढ़ा देते हैं, लेकिन उसका पूरा लाभ वास्तविक जमीन मालिक को नहीं मिल पाता है। बिचौलिये खेल कर जमीन को छोटे -छोटे टुकड़ों में बाँट देते हैं। इससे खनन के लिए अधिग्रहित जमीन की कीमत बढ़ जाती है। इसके चलते भू अर्जन की लागत कई गुना बढ़ जाती है। राजस्व विभाग ने कलेक्टरों से कहा है कि खनन के लिए आरक्षित भूमि का डायवर्सन किसी भी परिस्थिति में न करें। माइनिंग के लिए सुरक्षित किसी जमीन का खाता विभाजन भी कलेक्टर की लिखित अनुमति के बिना न किया जाय। ऐसी भूमि का ट्रांसफर भी कलेक्टर की अनुमति से होगी। राजस्व विभाग ने साफ़ किया है कि खाता विभाजन या बंटवारा के मामले में उक्त भूमि के खसरा के कालम 12 में उल्लेख किया जाना अनिवार्य है। राजस्व विभाग द्वारा कलेक्टरों को भेजे निर्देश में कहा गया है कि उक्त सभी प्रावधान वर्तमान में लंबित प्रकरणों में भी लागू होगा।

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