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दिल्ली कूच करने पर अड़े किसान, नोएडा के पास Chilla border पर लगा महाजाम, जानिए अब क्या हैं उनकी डिमांड्स

नोएडा। नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर आज (2 दिसंबर 2024) किसानों द्वारा दिल्ली कूच करने की योजना के तहत भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई है। लाखों किसान, जिनका नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और भारतीय किसान परिषद (BKP) जैसे संगठनों द्वारा किया जा रहा है, अपनी प्रमुख मांगों को लेकर दिल्ली मार्च करने पर अड़े हुए हैं। ये किसान आंदोलन भूमि अधिग्रहण, मुआवजे और अन्य विभिन्न मुद्दों को लेकर हो रहा है।

किसानों की प्रमुख डिमांड्स
किसान इस समय अपने अधिकारों की रक्षा और उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:

1. भूमि अधिग्रहण पर मुआवजा:
किसानों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत, जिन किसानों की ज़मीनें 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित की गईं, उन्हें 4 गुना मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा, गौतमबुद्ध नगर में पिछले 10 वर्षों से सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गई है, जिसके कारण मुआवजे की दरों में कोई सुधार नहीं हो पाया है।

2. नए भूमि अधिग्रहण कानून का लाभ लागू किया जाए:
किसान चाहते हैं कि नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मिलने वाले लाभों को गौतमबुद्ध नगर में लागू किया जाए। इस कानून के अनुसार किसानों को 10 फीसदी विकसित भूखंड और 64.7 फीसदी मुआवजा मिलना चाहिए।

3. भूमिहीन किसानों के पुनर्वास और रोजगार के अवसर:
किसानों का यह भी कहना है कि जिन किसानों के पास ज़मीन नहीं है, उनके बच्चों को रोजगार के अवसर मिलें और पुनर्विकास के लाभ प्राप्त हों।

4. आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण:
किसान चाहते हैं कि जिस क्षेत्र में उनका भूमि अधिग्रहण हुआ है, वहां के आबादी क्षेत्र का निस्तारण उचित तरीके से किया जाए, ताकि वे भी अपना जीवन सुगमता से जी सकें।

5. हाई पावर कमेटी की सिफारिशें लागू हों:
किसान आंदोलन में शामिल संगठन हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की भी मांग कर रहे हैं।

किसानों का आंदोलन: घटनाक्रम
इस आंदोलन की शुरुआत 27 नवंबर 2024 को हुई थी, जब किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर प्रदर्शन शुरू किया। इसके बाद 28 और 29 नवंबर को यमुना प्राधिकरण के बाहर भी किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनकारियों के नेताओं की विभिन्न अधिकारियों के साथ वार्ता हुई, लेकिन किसानों की डिमांड्स पर कोई ठोस सहमति नहीं बनी। इसके बाद किसानों ने 2 दिसंबर 2024 को दिल्ली कूच करने का फैसला लिया और संसद घेराव की चेतावनी दी।

आंदोलन में शामिल किसान संगठन
किसान आंदोलन का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा (SKM), भारतीय किसान परिषद (BKP) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) जैसे प्रमुख संगठन कर रहे हैं। इन संगठनों के नेतृत्व में किसान 2 दिसंबर 2024 को दिल्ली की ओर कूच करेंगे। किसान अपनी ट्रैक्टरों के साथ नोएडा के महामाया फ्लाईओवर से दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर मार्च शुरू करेंगे। किसान संगठनों की योजना के मुताबिक, आंदोलनकारी किसान गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा समेत 20 जिलों से दिल्ली मार्च में शामिल होंगे।

पुलिस और प्रशासन की तैयारी
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर नोएडा और दिल्ली पुलिस दोनों ही पूरी तरह से अलर्ट हैं। पुलिस ने चिल्ला बॉर्डर, डीएनडी बॉर्डर, कालिंदी बॉर्डर, और अन्य प्रमुख मार्गों पर बैरिकेड्स लगाकर इन मार्गों को बंद कर दिया है। पुलिस बल को इन बॉर्डरों पर तैनात किया गया है, ताकि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जा सके। इसके अलावा, ट्रैफिक डायवर्जन की योजना भी बनाई गई है, ताकि दिल्ली जाने वाली सड़कों पर जाम की स्थिति से बचा जा सके। पुलिस ने कहा है कि यदि किसी को असुविधा होती है तो 9971009001 पर हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। पुलिस ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अधिक से अधिक मेट्रो का उपयोग करें, क्योंकि सड़क पर भारी जाम की संभावना है।

ट्रैफिक डायवर्जन
नोएडा-दिल्ली बॉर्डर और अन्य प्रमुख मार्गों पर भारी ट्रैफिक जाम की आशंका है, इस कारण ट्रैफिक डायवर्जन की योजना बनाई गई है:

1. चिल्ला बॉर्डर से ग्रेटर नोएडा की ओर जाने वाले वाहन सेक्टर 14A फ्लाईओवर से गोल चक्कर होते हुए संदीप पेपर मिल चौक, झुण्डपुरा चौक से गंतव्य की ओर जा सकते हैं।
2. डीएनडी बॉर्डर से दिल्ली जाने वाले वाहन फिल्म सिटी फ्लाईओवर से सेक्टर 18 होते हुए एलीवेटेड रोड का उपयोग कर गंतव्य की ओर जा सकते हैं।
3. कालिंदी बॉर्डर से दिल्ली की ओर आने वाले वाहन महामाया फ्लाईओवर से सेक्टर 37 होते हुए गंतव्य की ओर जा सकते हैं।
4. ग्रेटर नोएडा से दिल्ली जाने वाले वाहन चरखा गोलचक्कर से कालिंदी कुंज होकर दिल्ली जा सकते हैं।
5. यमुना एक्सप्रेसवे से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे होकर दिल्ली जाने वाले वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है।

अन्य प्रमुख किसान मुद्दे
किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार ने अब तक उनकी प्रमुख मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। किसानों की अन्य महत्वपूर्ण मांगों में शामिल हैं:

– कृषि ऋण माफी: किसान सरकार से कृषि ऋण माफी की मांग कर रहे हैं।
– किसान पेंशन योजना: किसानों के लिए एक पेंशन योजना लागू की जाए।
– एमएसपी पर कानूनी गारंटी: किसान एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।
– लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय: लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों को न्याय मिले।
– कृषि कानूनों की वापसी: 2020-21 में लागू कृषि कानूनों की वापसी की मांग भी किसान कर रहे हैं।

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