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लोकसभा में हंगामे के बीच पेश किया गया ‘तटीय पोत परिवहन विधेयक’, जानिए क्या है इसकी खासियत

 

दिल्ली। तटीय व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य वाला एक विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच विधेयक पेश किया। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों के सदस्य अदाणी समूह से जुड़े मुद्दे और संभल हिंसा से संबंधित मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे।

यह विधेयक उन पांच नए विधेयकों में शामिल है जिसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने की सरकार की योजना है। उक्त विधेयक राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यावासयिक जरूरतों को लेकर भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाले और उनके द्वारा संचालित भारत के ध्वज लगे जहाजों की तटीय व्यापार में सहभागिता को प्रोत्साहित करेगा। इस विधेयक को अक्टूबर महीने में केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है।

क्यों खास है ये विधेयक?

तटीय पोत परिवहन विधेयक (Coastal Shipping Bill) भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित एक विधेयक है, जिसका उद्देश्य भारतीय तटों पर तटीय जल मार्गों का उपयोग बढ़ाना और समुद्री परिवहन को अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाना है। यह विधेयक समुद्री परिवहन क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और भारत के तटीय क्षेत्रों के बीच परिवहन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।

तटीय पोत परिवहन विधेयक के प्रमुख उद्देश्य:

समुद्री परिवहन को बढ़ावा: इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य भारतीय तटों के बीच तटीय शिपिंग के माध्यम से माल परिवहन को बढ़ावा देना है। इससे समुद्री परिवहन की लागत कम होगी और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी यह अधिक पर्यावरण मित्रवत होगा।

आर्थिक लाभ: तटीय शिपिंग के माध्यम से माल परिवहन के लिए एक प्रभावी और कम खर्चीला तरीका होगा, जिससे भारतीय व्यापार और उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिल सकेगा।

नौकरी के अवसर: तटीय शिपिंग से संबंधित गतिविधियों के विस्तार से नई नौकरियों का सृजन होगा, खासकर बंदरगाहों और समुद्री परिवहन से जुड़े अन्य क्षेत्रों में।

बंदरगाहों का विकास: यह विधेयक बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देगा, जिससे तटीय शिपिंग को और भी सुविधाजनक और प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा।

समुद्री सुरक्षा और पर्यावरण: विधेयक में तटीय शिपिंग के दौरान सुरक्षा उपायों और पर्यावरणीय नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रावधान किए गए हैं। इससे समुद्र में प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

तटीय पोत परिवहन विधेयक के प्रमुख प्रावधान:

तटीय जलमार्ग के विकास और प्रबंधन: विधेयक के तहत तटीय जलमार्गों के विकास, सुरक्षा और प्रबंधन के लिए प्रावधान हैं।
लाइसेंस और नियम: तटीय शिपिंग के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया और शिपिंग कंपनियों के लिए नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
माल ढुलाई: विधेयक में तटीय जल मार्गों पर माल ढुलाई के लिए उचित शुल्क और प्रक्रिया की व्यवस्था की जाएगी।

कुल मिलाकर यह विधेयक भारत में तटीय शिपिंग को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भारत के समुद्री परिवहन क्षेत्र को एक नई दिशा मिल सकती है।

 

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