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वैनायकी गणेश चतुर्थी व्रत से लेकर विवाह पंचमी और भानु सप्तमी व्रत तक, जानें इस हफ्ते के प्रमुख व्रत त्योहार के बारे में

Saptahik Vrat Tyohar List, 2 to 8 December 2024: दिसंबर मास का पहला सप्ताह व्रत त्योहार की लिहाज से बेहद शुभ माना जा रहा है। दरअसल इस सप्ताह वैनायकी गणेश चतुर्थी, विवाह पंचमी, चंपा षष्ठी व्रत, भानु सप्तमी व्रत आदि कई प्रमुख व्रत त्योहार भी किए जाएंगे। व्रत त्योहार के साथ इस सप्ताह शुक्र मकर राशि में गोचर करने वाले हैं और मंगल ग्रह कर्क राशि में वक्री चाल चलने वाले हैं। आइए जानते हैं दिसंबर महीने के पहले सप्ताह में पड़ने वाले प्रमुख व्रत त्योहार के बारे में…

वैनायकी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत (4 दिसंबर, बुधवार)
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को वैनायकी गणेश चतुर्थी व्रत है। हर महीने में दो बार चतुर्थी तिथि पड़ती है। लेकिन, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत कहा जाता है। भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से सभी तरह के विघ्न दूर होते हैं और जीवन में सुख शांति बनी रहती है। कई जगहों पर वैनायकी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत को वरद विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है।

विवाह पंचमी (6 दिसंबर, शुक्रवार)
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी कहते हैं। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और माता सीता का स्वयंवर हुआ था। पौराणिक ग्रथों में भगवान राम को भगवान विष्णु और माता सीता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप बताया गया है और दोनों में आर्दश और मर्यादित जीवन की मिलास कायम करने के लिए मनुष्य का अवतार लिया था। इस तिथि को राम विवाह उत्सव मनाया जाता है। इस दिन ही शेष रात्रि 4:30 बजे से पंचक भी प्रारंभ हो जाएगा।

चंपा षष्ठी व्रत (7 दिसंबर, शनिवार)
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चंपा षष्ठी या स्कंद षष्ठी व्रत किया जाता है। यह पुण्य तिथि भगवान शिव के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कार्तिकेय का पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और रोग, दुख और दरिद्रता का निवारण होता है। शास्त्रों के अनुसार स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय ने तारकसुर नामक राक्षस का वध किया था।

भानु सप्तमी व्रत (8 दिसंबर, रविवार)
हिंदू पंचांग के आधार पर सप्तमी तिथि प्रत्येक महीने में दो बार आती है। यह तिथि अगर रविवार को पड़ जाती है तो उसे भानु सप्तमी माना जाता है। इस दिन व्रत करने से सूर्य नारायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भानु सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से आयु, सम्मान, आरोग्य व संपत्ति की प्राप्ति होती है। पूजा अर्चना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और कुंडली में सूर्य की स्थिति भी मजबूत होती है।

 

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