आज मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है. नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी, करण कौलव, योग विष्कुम्भ, ऋतु हेमंत है. आज काल भैरव जयंती और बजरंगबली की पूजा-उपासना का दिन है. काल भैरव शिव जी का ही रौद्र रूप हैं. हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाने के साथ ही कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि कृष्ण अष्टमी के दिन ही भगवान शंकर जी के रौद्र रूप काल भैरव की उत्पत्ति हुई थी. काल भैरव की विधि-विधान से पूजा करने से रोग, दोष, कष्ट, अकाल मृत्यु के डर आदि से छुटकारा मिलता है. काल भैरव की कृपा होने से सभी बुरी शक्तियों, नेगेटिविटी का अंत हो सकता है.
इस विधि से करें पूजा
० आज मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा भी की जाती है. हनुमान जी के आप भक्त हैं और चाहते हैं कि जीवन से सभी दुख, कष्टों से छुटकारा मिल जाए तो आप उनकी पूजा विधि अनुसार करें.
० मंगलवार का व्रत रखें. सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि कर लें. साफ वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल की साफ-सफाई करके वहां हनुमान जी, भगवान श्री राम, माता सीता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
० शुद्ध जल लेकर इनके समक्ष मंगलवार व्रत का संकल्प लें. अब सबसे पहले धूप, दीपक जलाएं. लाल कपड़ा, लाल सिंदूर, लाल फूल, फल आदि अर्पित करें.
आरती करें.
० हनुमान चालासी का पाठ पढ़ें. गुड़ और चने का भोग लगाएं. यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो इसे मजबूत बनाने के लिए भी हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.
० जरूरतमंदों को लाल वस्त्र, फल, मिठाई आदि दान करके भी आप कमजोर मंगल ग्रह को मजबूत बना सकते हैं. नियमित रूप से 21 मंगलवार व्रत, पूजा करते हैं तो हनुमान जी प्रसन्न होकर आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. घर में सुख-समृद्धि, शांति बनी रहती है.