असामाजिक तत्वों ने सिलतरा में तोड़ी मूर्तियां,नितिन पोटाई ने अपराधियों को गिरफतार करने की मांग की
० आदिवासियों की रूढ़ी जन परंपरा एवं संस्कृति पर छेड़छाड का आरोप
कांकेर। राज्य अजजा आयोग के पूर्व सदस्य और जिला वनोपज सहकारी संघ कांकेर के अध्यक्ष नितिन पोटाई ने सिलतरा में देवेन्द्र पोटाई और जयराम कडियाम के मूर्ति को बर्बरता पूर्वक तोडने असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए तत्काल गिरफतार करने की मांग की है। और इस बाबत कलेक्टर कांकेर को ज्ञापन सौपा है। साथ ही लिखित में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नाम पत्र अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांकेर को पत्र भी दिया है। श्री पोटाई ने बताया कि 5 दिसम्बर 2025 दिन शुक्रवार को शाम के समय असामाजिक तत्वों द्वारा कांकेर तहसील के ग्राम सिलतरा में आदिवासियो के लिए आरक्षित शमशान भूमि में आदिवासी समाज एवं परिवारजनों द्वारा निर्मित डी.एस.पी स्व. देवेन्द्र पोटाई और स्व. जयराम कडियाम के मूर्ति को तोड़ दिया गया। जिससे आदिवासी समाज और ग्रामीण जनों में रोष व्याप्त है।
श्री पोटाई ने बताया कि दोनों ही व्यक्ति आदिवासी समुदाय से आते है और आदिवासी समाज के रूढी-जन्य परंपरा, रीति रिवाज, कला एवं संस्कृति, अनुसार प्रत्येक आदिवासी अंचल में मृतक व्यक्ति कोेेे सम्मानित करने एवं उनकी स्मृति को चिर स्थायी बनाने के लिए मृतक स्तंभ बनाने की परंपरा है। जिसका पालन सदियों से आदिवासी समाज के लोेग पीढ़ी दर पीढी करते आ रहे है। यह मृतक स्तंभ केवल सांसारिक स्मृति के लिए नही होते है। बल्कि वे परालौकिक जीवन में भी बड़ी भूमिका निभाते है और ऐसी परंपरा को अपना मुख्य धरोहर भी मानते है। हर तीज त्यौहार और पर्व के अवसर पर इन स्थानों पर आदिवासी समाज के लोग पूजा अर्चना कर अपने पूर्वजों से आर्शीवाद भी लेतेे है।

नितिन पोटाई नेे कहा कि 5 दिसम्बर 2025 को असामाजिक तत्वों द्वारा दोनों व्यक्तियों के मूर्तियों को तोड़कर न केवल आदिवासी समाज के लोगों को आहत करने का काम किया गया है। बल्कि आदिवासी समाज के रूढ़ी-परंपरा, रीति रिवाज कला एवं संस्कृति पर गहरा अघात करने का कार्य किया है। आदिवासी समाज के देवेन्द्र पोटाई न केवल पुलिस विभाग मे डी.एस.पी के पद पर कार्यरत थे। वरन उन्हें सर्वश्रेष्ठ अन्वेषण अधिकारी का राज्यपाल पुरस्कार भी मिल चुका है। वहीं जयराम कडियाम पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत थे। दोनों व्यक्ति गांव के धरोहर थे। जिनकी गरिमा के अनुरूप उनकी स्मृति में समाज एवं परिवार वालों ने परंपरा अनुरूप उनके मठ में मूर्ति स्थापित किया था लेकिन असामाजिक तत्वों के द्वारा उनके मूर्तियों को तोडकर सीधा सीधा आदिवासी और संस्कृति पर गहरा अघात किया गया है। जिससे आदिवासी समाज के भावनाओं को आहत हुई है। जिसकी जितनी भी निंदा की जाये वह कम है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा कि बस्तर अंचल भारतीय संविधान के 5 वी अनुसूची अंतर्गत शामिल क्षेत्र है। जहां आदिवासियों से संबंधित प्रशासनिक दायित्व प्रदेश के राज्यपाल के हाथों ंमें होता है। और वह भारतीय संविधान के तहत जनजाति हितांे की रक्षा करने में अपनी महत्वपूर्ण भमिका निभाता हैं। इसलिएः यहां आदिवासियों के रूढ़ी-जन्य परंपरा, कला संस्कृति, रीति रिवाज, आदि को संरक्षित करने का दायित्व भी राज्य सरकार का है। इसलिए यह विषय बहुत गंभीर है। इसलिए जल्द से जल्द मूर्ति के साथ छेड़छाड़ करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए गिरफतार किया जाना चाहिए । श्री पोटाई के साथ ज्ञापन सौपने वालों में जिला सहकारी संघ कांकेर के अध्यक्ष सियो पोटाई महिला कांग्रेस के वरिष्ठ नेत्री कमला गुप्ता, महिला कांग्रेस अध्यक्ष गोमती सलाम, कांग्रेस नेता शिवभान सिंह मुन्ना ठाकुर, राजकुमार चोपड़ा एवं अजय भास्वानी शामिल है।





