नई दिल्ली। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत के पूर्व विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा का निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे और मंगलवार तड़के करीब 2:30-2:45 बजे उनका निधन हुआ।
कृष्णा का राजनीतिक करियर लगभग छह दशकों का रहा है, और उन्होंने 1962 में अमेरिका से लौटने के बाद पहले चुनाव में भाग लिया था। उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें 2020 में पद्म विभूषण, भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, से सम्मानित किया गया था।
कृष्णा ने 2017 में कांग्रेस से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) जॉइन की थी, हालांकि उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने लंबे करियर के बाद राजनीति में कम सक्रियता दिखाई। उन्हें सबसे ज्यादा कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाता है।
उनके नेतृत्व में कर्नाटक में आईटी सेक्टर का तेजी से विकास हुआ, और बेंगलुरु को एक वैश्विक आईटी हब के रूप में पहचान मिली। हालांकि, उनके कार्यकाल में कई संकट भी आए, जैसे वीरप्पन द्वारा डॉ. राजकुमार का अपहरण और कावेरी जल विवाद के कारण हुए हिंसक प्रदर्शनों ने राज्य को प्रभावित किया। कृष्णा का कार्यकाल हमेशा याद किया जाएगा, खासकर बेंगलुरु की बेहतरी के लिए उनके प्रयासों और राज्य में आईटी क्षेत्र के विकास के लिए।