मासिक शिवरात्रि का व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है. यह खास दिन भगवान शिव को समर्पित है. इसलिए इस दिन भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा की जाती है. इस दिन शिव जी के साथ मां पार्वती की भी पूजा का विधान है. मासिक शिवरात्रि के दिन महादेव को बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग चढ़ाया जाता है. माना जाता है कि माह के प्रत्येक शिवरात्रि के दिन व्रत रखकर पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों आशीर्वाद देते हैं. इसके अलावा, कष्टों को भी दूर करते हैं. इस समय दिसंबर का महीना चल रहा है. इसलिए इसबार साल का आखिरी मासिक शिवरात्रि व्रत आज यानी 11 दिसंबर को किया जाएगा. आइए जानते हैं कि मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, महत्व और मंत्र के बारे में-
साल 2023 की अंतिम शिवरात्रि कब?
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 दिसंबर सोमवार को सुबह 07:10 बजे से होगी. इस तिथि का समापन 12 दिसंबर मंगलवार को सुबह 06:24 बजे होगा. मासिक शिवरात्रि की पूजा निशिता मुहूर्त होती है, इसलिए साल 2023 की अंतिम शिवरात्रि 11 दिसंबर को मनाई जा रही है. इस दिन शिव की अराधना करने से पूजा का दोगुना लाभ प्राप्त होगा.
शुभ मुहूर्त
मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. ऐसे में इसबार शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11:47 बजे से रात 12:42 बजे तक है. इस हिसाव से इसदिन आपको शिव जी की पूजा के लिए 55 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा.
मासिक शिवरात्रि का महत्व
जो भक्त मास शिवरात्रि का व्रत करते हैं, भगवान शिव उनसे प्रसन्न होकर उनके सभी कामों को सफल बनाते हैं. दांपत्य जीवन में खुशियां ही खुशियां आती है. साथ ही अविवाहित जातक के विवाह में आ रही अड़चने दूर हो जाती है और सुयोग्य वर या वधू की प्राप्ति होती है. इसके अलावा इस दिन शिवजी के मंत्रों का जाप करना भी अत्यंत फलदायी माना जाता है.
ऐसे करें शिव जी की आराधना
मासिक शिवरात्रि पर पूजा निशिता काल यानी आधी रात के समय करना शुभ माना जाता है. इसलिए पूजा करने से पहले स्नान कर लें और पवित्र हो जाएं. इस खास दिन पर भगवान शिव का दूध या गंगाजल से अभिषेक करें. धतूरा, बेलपत्र, दही, चंदन आदि भी चढ़ाएं. मासिक शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा और शिव मंत्रों का भी जाप करें. इससे साधक को महादेव का आशीर्वाद मिलता है.