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रविंद्रनाथ यारलगड्डा फिनटेक के जरिए भारत की जमीनी अर्थव्यवस्था को दे रहे हैं नई दिशा

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० फिनटेक परिदृश्य में रविंद्रनाथ उभरता नाम,वे तकनीक को व्यापार नहीं, बल्कि सामाजिक प्रगति का माध्यम मानते हैं

बिजनेस न्यूज़। भारत के तेजी से बदलते फिनटेक परिदृश्य में रविंद्रनाथ यारलगड्डा का नाम एक ऐसे नेतृत्व के रूप में उभर रहा है जो तकनीक को सिर्फ व्यापार नहीं बल्कि सामाजिक प्रगति का माध्यम मानता है। हैदराबाद स्थित VIYONA Fintech के संस्थापक के रूप में उन्होंने डिजिटल वित्तीय ढांचे को इस तरह विकसित किया है जो नियमों के अनुरूप होने के साथ साथ व्यापक स्तर पर लोगों तक पहुंच बनाता है।

रविंद्रनाथ यारलगड्डा के नेतृत्व में VIYONA Fintech ने बैंकों और सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर भुगतान प्रणाली कलेक्शन और पेआउट जैसे क्षेत्रों में मजबूत समाधान पेश किए हैं। इसके साथ ही कंपनी का जोर कृषि आधारित फिनटेक पर रहा है जहां किसानों किसान उत्पादक संगठनों और छोटे उद्यमियों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जोड़ा जा रहा है।

VIYONA Fintech के जरिए बड़ी संख्या में किसानों को डिजिटल टूल्स क्रेडिट कनेक्टिविटी और बाजार से सीधा जुड़ाव मिला है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक और असंगठित वित्तीय तरीकों पर निर्भरता घटने लगी है और डिजिटल लेनदेन को लेकर भरोसा बढ़ा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बदलाव दीर्घकालीन और टिकाऊ विकास की दिशा में अहम कदम है।

रविंद्रनाथ यारलगड्डा की कार्यशैली उन्हें अन्य कॉरपोरेट लीडर्स से अलग करती है। वे नीति और रणनीति के साथ साथ जमीनी स्तर की चुनौतियों को समझने पर जोर देते हैं। किसानों से संवाद युवा पेशेवरों से बातचीत और स्टार्टअप समुदाय से जुड़े रहना उनकी सोच का हिस्सा है जिससे समाधान व्यवहारिक और प्रभावी बनते हैं।

उनकी यात्रा यह दर्शाती है कि आज का नेतृत्व केवल मुनाफे तक सीमित नहीं है बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी और आर्थिक सशक्तिकरण को साथ लेकर चलने का नाम है। निजी क्षेत्र की क्षमताओं को सार्वजनिक हित के साथ जोड़कर रविंद्रनाथ यारलगड्डा ने यह साबित किया है कि बड़े पैमाने पर बदलाव संभव है।

जैसे जैसे VIYONA Fintech अपने कामकाज का दायरा बढ़ा रही है वैसे वैसे रविंद्रनाथ यारलगड्डा की पहचान एक ऐसे लीडर के रूप में मजबूत हो रही है जो स्थानीय जरूरतों को समझते हुए आधुनिक तकनीक का उपयोग करता है। फिनटेक और विकास के इस संगम में उनका योगदान आने वाले समय में भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को नई मजबूती देने वाला माना जा रहा है।