छत्तीसगढ़ का 3200 करोड़ का शराब स्कैम : निलंबित अधिकारी को सौम्या चौरसिया को ED ने पूछताछ के बाद एक बार फिर किया गिरफ्तार
रायपुर। छत्तीसगढ़ के 3200 करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार सौम्या चौरसिया को पहले सुबह ED के जोनल ऑफिस में पेश होने का नोटिस दिया गया था। दिनभर पूछताछ के बाद संध्या के समय उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें बुधवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। ED ने इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में FIR दर्ज कराई है। FIR में बताया गया है कि यह घोटाला तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में हुआ। ED की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट ने प्रमुख भूमिका निभाई।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, इस सिंडिकेट के जरिए शराब बिक्री और लाइसेंसिंग प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं की गई और 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला अंजाम दिया गया। सूत्रों के अनुसार सौम्या चौरसिया बेंगलुरु में रह रही थीं। ED ने उन्हें नोटिस देकर सुबह कार्यालय में पेश होने को कहा था। पूरे दिन पूछताछ के बाद, संध्या में ED ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया बुधवार को पूरी की जाएगी। ED का कहना है कि सौम्या चौरसिया की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जांच अधिकारियों का मानना है कि उन्होंने तत्कालीन शासन में शराब लाइसेंसिंग और बिक्री के मामलों में सिंडिकेट के साथ मिलकर महत्वपूर्ण कार्य किए। ED की टीम पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है और आगे की कार्रवाई के लिए साक्ष्य एकत्रित कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि इस घोटाले में शामिल अन्य नामों की भी जांच जारी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, अनिल टुटेजा और AP त्रिपाठी की भी भूमिका अहम मानी जा रही है।
कारोबारी अनवर ढेबर द्वारा शराब वितरण और लाइसेंसिंग प्रक्रिया में अनियमितताओं के माध्यम से करोड़ों रुपये की गड़बड़ी की गई थी। ED इस मामले में कथित वित्तीय लेनदेन और बैंकिंग ट्रांजेक्शन का भी गहन अध्ययन कर रही है। इस गिरफ्तारी के बाद राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। कांग्रेस और विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर बयान जारी करना शुरू कर दिया है। विपक्ष का आरोप है कि यह घोटाला तत्कालीन सरकार के अंदरूनी भ्रष्टाचार को उजागर करता है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि ED की कार्रवाई
राजनीतिक दबाव में की जा रही है। सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी ने मीडिया और सोशल मीडिया पर भी बड़ी चर्चा पैदा कर दी है। कई विश्लेषक मान रहे हैं कि यह कार्रवाई घोटाले की जांच में नए सबूत सामने आने के बाद की गई है। ED ने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी होने तक और अन्य संदिग्धों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे। कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ के 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी एक बड़ा मोड़ है। ED की जांच और आगे की कार्रवाई इस मामले की गंभीरता और व्यापकता को उजागर करेगी।




