आमाबेड़ा में शव दफनाने को लेकर दो समुदायों में हिंसक झड़प, आदिवासी समाज के लोगों को दौड़ा-दौड़कर पीटा
कांकेर। जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर आदिवासी और धर्मांतरित समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई। गुरुवार को आदिवासी समाज के लोग ईसाइयों को डंडे मारकर भगा रहे थे। इसके जवाब में धर्मांतरित समुदाय के लोगों ने आदिवासी समाज के लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस गुस्साए आदिवासियों ने सरपंच के घर में तोड़फोड़ कर दी। इसके बाद आदिवासी समाज के लोगों ने गांव के चर्च में आग लगा दी। ग्रामीण इसके बाद भी नहीं रुके। 3 हजार से ज्यादा की भीड़ आमाबेड़ा पहुंच गई। यहां भी एक चर्च को आग के हवाले कर दिया। भीड़ तीसरी चर्च को फूंकने आगे बढ़ रहे थे। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया। घटना में कई ग्रामीण, कवरेज कर रहे कुछ पत्रकार और ASP अंतागढ़ आशीष बंछोर समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इलाके में धारा 144 लागू की गई है।
दरअसल, विवाद तब शुरू हुआ जब गांव के सरपंच रजमन सलाम के पिता चमरा राम की मृत्यु के बाद उनका शव गांव में ही दफना दिया गया। सरपंच के परिवार ने धर्म परिवर्तन किया था, जिससे ग्रामीण आक्रोशित थे।पिछले 2 दिनों से ग्रामीण शव को कब्र से बाहर निकालने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। गुरुवार को पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने भारी सुरक्षा के बीच शव को बाहर निकाला। गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। पुलिस ने पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है।





