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भारत-चीन समझौता: अब शिव भक्त कर सकेंगे कैलाश मानसरोवर यात्रा, जानें क्‍या हैं इस तीर्थ के नियम

Kailash Mansarovar Yatra: भारत और चीन के बीच लगातार सुधर रहे संबंधों के शुभ संकेत शिव भक्तों के लिए भी किसी बड़ी खुशखबरी से कम नहीं हैं. क्योंकि डोकलाम टकराव के बाद चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को रोक दिया था. जो कि अब भारत-चीन के नए समझौते पर बात बनने से कैलाश मानसरोवर की यात्रा फिर से शुरू होगी. भारत और चीन दोनों पक्षों के बीच कैलाश मानसरोवर तक बिना किसी बाधा के यात्रा करने पर सहमति बनी है.

कैलाश मानसरोवर तिब्‍बत इलाके में ही स्थित है. यह यात्रा पिछले पांच सालों से बंद रही क्योंकि कोविड-19 महामारी और चीनी सरकार द्वारा व्यवस्थाओं का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा था जिससे यात्रा स्थगित रही. जिसे अब फिर से शुरू करने पर सहति बनी है.

लेकिन क्या आपको पता है कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने के लिए व्यक्ति का फिट होना बहुत जरुरी है और यहां जाने के कई नियम भी हैं। जिन्हें जानना हर तीर्थयात्री के लिए जरुरी है. तो आइए जानते हैं कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने के नियम व शर्तों के बारे में.

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने के नियम
1. कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले व्यक्ति की उम्र 70 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही यात्री के पास उनका पासपोर्ट होना आवश्यक है।

2. यात्री का बीएमआई 25 या फिर उससे कम होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो आप यात्रा नहीं कर पाएंगे।

3. इसके अलावा मानसरोवर की यात्रा करने के लिए आपको स्वस्थ्य होना आवश्यक है।

4. जब भी आप कैलाश मानसरोवर जाने के लिए अपना आवेदन फॉर्म भरें तो उसें गलत जानकारी भरने से बचें, क्योंकि गलत जानकारी होने पर यात्रा कैंसल हो सकती है.

5.मेडिकल टेस्ट कराने पर अगर आप अनफिट हैं तो आपको यात्रा करने का मौका नहीं मिल पाएगा।

कैलाश मानसरोवर में होता है शिव का वास

कैलाश पर्वत की हिंदू धर्म में काफी मान्यता है. माना जाता है कि यहीं भगवान शिव का वास है. इसके ऊपर स्वर्ग और नीचे मृत्यलोक है. कैलाश पर्वत की यात्रा यानि कैलाश मानसरोवर यात्रा भारत में एक पर्व के रूप में देखी जाती है. यहां लोग बड़े ही उत्साह से यात्रा में शामिल होते हैं.

 

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