#प्रदेश

डिजिटल मार्केटिंग एवं MSMEs के लिए मार्केट लिंकिज पर हुई एक दिवसीय कार्यशाला

Advertisement Carousel

रायपुर। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME), भारत सरकार की RAMP योजना के अंतर्गत “डिजिटल मार्केटिंग एवं MSMEs के लिए मार्केट लिंकिज” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI), छत्तीसगढ़ स्टेट चैप्टर द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (CSIDC) एवं IGKV R-ABI के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत श्री निखिल अग्रवाल, सदस्य, PHDCCI छत्तीसगढ़ स्टेट चैप्टर द्वारा स्वागत भाषण से हुई। अपने संबोधन में उन्होंने प्रतिभागियों, वक्ताओं एवं विशिष्ट अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया तथा वर्तमान तेजी से बदलते व्यावसायिक परिवेश में MSMEs की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने हेतु ऐसे कार्यशालाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म एवं ई-कॉमर्स की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया।

मुख्य वक्तव्य में डॉ. हुलास पाठक, हेड एवं प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर–सीईओ, IGKV R-ABI ने ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एवं ऑनलाइन विज्ञापन के माध्यम से मजबूत बाजार संपर्क विकसित करने के महत्व पर जोर दिया, विशेषकर ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कार्यरत उद्यमों के लिए। उन्होंने समावेशी डिजिटल इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया, जिससे तकनीक के माध्यम से उद्यमियों को राष्ट्रीय एवं वैश्विक बाजारों तक पहुंच मिल सके।
श्री एम. एम. सिन्हा, उप महाप्रबंधक (DGM), NSIC ने MSMEs एवं स्टार्टअप्स को बेहतर बाजार पहुंच उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से MSE-TEAM योजना (ई-कॉमर्स, ट्रेड एवं प्रदर्शनी सहायता तंत्र के माध्यम से MSMEs हेतु मार्केट सपोर्ट) पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों की बाजार उपस्थिति को सशक्त बनाना है।

श्री अमित उपाध्याय, सीनियर असिस्टेंट डायरेक्टर, GeM, भारत सरकार ने GeM पोर्टल पर प्रस्तुति दी तथा MSMEs एवं स्टार्टअप्स के लिए पंजीकरण प्रक्रिया एवं सरकारी खरीद में उपलब्ध अवसरों की जानकारी साझा की।
सुश्री सुमन देवांगन, उप निदेशक, उद्योग संचालनालय, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति की विस्तृत जानकारी दी, जिसमें MSMEs एवं स्टार्टअप्स के लिए विभिन्न प्रोत्साहन एवं सहायता प्रावधान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सही ज्ञान एवं उपकरणों के माध्यम से डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर उद्यम अपनी दृश्यता बढ़ा सकते हैं और सतत बाजार संपर्क स्थापित कर सकते हैं।

श्री लोकेश कुमार परगनिहा, संयुक्त निदेशक, MSME DFO, भारत सरकार ने बताया कि यह पहल भारत सरकार के MSMEs को सशक्त बनाने के प्रयासों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य स्थानीय व्यवसायों को डिजिटल एवं आपस में जुड़े बाजार में सफल होने हेतु आवश्यक ज्ञान एवं संसाधन प्रदान करना है।
श्री आकांश अग्रवाल, ZED विशेषज्ञ (Zero Defect Zero Effect) ने गुणवत्ता प्रमाणन कार्यक्रम की जानकारी दी, जो MSMEs को विनिर्माण प्रक्रियाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के साथ-साथ दोषों एवं पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में सहायता करता है।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन श्री सुमित दुबे, रेजिडेंट डायरेक्टर, PHDCCI, छत्तीसगढ़ स्टेट चैप्टर द्वारा प्रस्तुत किया गया।