अयोध्या। रामनगरी इन दिनों राममय हो चुकी है। रामनगरी के कोने-कोने में उल्लास छलक रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है, लेकिन उससे पहले ही रामलला के दर्शन को देश-विदेश के श्रद्धालु उमड़ पड़े हैं। हर मन में सिर्फ रामलला के दर्शन की लालसा दिख रही है। अयोध्या में रोजाना 50 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
राममंदिर निर्माण का साक्षी बनने के लिए पूरा भारत तो उमड़ ही पड़ा है, विश्व के कोने-कोने से भी भक्त पहुंच रहे हैं। बुधवार सुबह 10:30 बजे रामजन्मभूमि पथ पर भक्तों का रेला लगा था। इस रेले में देश-विदेश के श्रद्धालु नजर आ रहे थे। कोई गुजरात से था, तो कोई मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार तो कोई उत्तर प्रदेश से था। कई श्रद्धालु विदेश से आए हुए थे। हर मन में सिर्फ रामलला के दर्शन की उत्कंठा दिख रही थी। जो दर्शन को जा रहे थे उनके चेहरे पर बेसब्री का भाव था, जो लौट रहे थे वे निहाल नजर आ रहे थे। सभी उत्साहित थे, जय श्रीराम का उद्घोष कर रहे थे।
दिसंबर में आए 200 से अधिक विदेशी श्रद्धालु
विदेशी भक्तों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। पत्नी रोजीना के साथ रामलला का दर्शन कर लौट रहे अमेरिका के क्रिस लान बोले कि अयोध्या लुक्स लाइक ए डिवाइन प्लेस…। उनका कहना था कि वे रामलला का दर्शन कर सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि रामलला के दरबार में 10 से 15 हजार की भीड़ होती थी लेकिन इस समय 25 से 30 हजार श्रद्धालु रोजाना दर्शन को पहुंच रहे हैं।
राममंदिर के स्तंभों पर होंगे देवी-देवताओं के दर्शन
राममंदिर स्थापत्य कला का भी बेजोड़ नमूना होगा। राममंदिर की दीवारों पर सनातन संस्कृति के दर्शन होंगे। मंदिर के सभी स्तंभों व परकोटे में देवी-देवताओं व रामकथा के प्रसंगों की सात हजार मूर्तियां उकेरने का काम तेजी से चल रहा है। 50 से अधिक मूर्तिकार स्तंभों पर मूर्तियां उकेरने में जुटे हैं। स्तंभों पर भगवान श्रीकृष्ण, शंकर, गणेश, माता लक्ष्मी आदि देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं।
भूतल के स्तंभों में मूर्तियां उकेरने का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इसको लेकर थीम भी तय की गई है। भगवान राम के पैदा होने से लेकर उनके वनवास तक के जीवन को मंदिर में दर्शाया जा रहा है। इसके साथ ही रावण से युद्ध और लंका दहन से लेकर घर वापसी तक की कहानी को चित्रों के माध्यम से दीवारों पर उकेरा जा रहा है।
रामलला के स्वागत में अयोध्या की सड़कों को रातों में रोशन करेंगे सूर्यस्तंभ
सैकड़ों वर्ष बाद श्री राम जन्मभूमि में भगवान राम का भव्य मंदिर तैयार हुआ है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होनी है। भगवान राम के स्वागत में शहर की प्रमुख सड़कों को रात को रोशन करने के लिए सूरज की तरह चमकने वाले सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं। असल में तीस फुट ऊंचे प्रत्येक स्तंभ में एक सजावटी गोला लगा है, जिसके अंदर रात में लाइट जलने पर लगता है, मानो छोटा सूरज है।
उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अयोध्या संभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसे 40 स्तंभ धर्म पथ पर लगाए जा रहे हैं, जो नया घाट के पास लता मंगेशकर चौक को अयोध्या बाईपास से जोड़ता है। पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता एपी सिंह ने बताया कि नवनिर्मित राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले इन सूर्य स्तंभों को स्थापित किया जा रहा है। यह काम 29 दिसंबर तक काम पूरा करने का लक्ष्य है। इन स्तंभों पर एक विशेष फाइबर से बना आवरण है, जिसमें जय श्री राम का नारा और भगवान हनुमान की गदा सहित कई पवित्र प्रतीकों को प्रदर्शित किया गया है।
इन स्तंभों के निर्माण और इन्हें स्थापित करने का काम निजी कंपनियों को दिया गया है। स्तंभ स्थापना में लगे श्रमिकों का कहना है कि वे जब भी थकते हैं, तो जय श्री राम और जय हनुमान के उद्घोष से एक-दूसरे का उत्साह बढ़ाते हैं। इससे सभी में जोश आ जाता है और तेजी से काम पूरा होता है।