छत्तीसगढ़ में NHM कर्मचारियों को बड़ी राहत: 25 संविदा कर्मचारियों की आंदोलन अवधि की कार्रवाई निरस्त,हुई सेवा बहाली
रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत बर्खास्त किए गए संविदा कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देश पर NHM ने 25 संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा बहाली के आदेश जारी किए हैं। यह निर्णय उन कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल और उसके दौरान की गई प्रशासनिक कार्रवाई को समाप्त करने के मद्देनजर लिया गया है। आदेश के अनुसार, ये 25 अधिकारी-कर्मचारी 18 अगस्त 2025 से 19 सितंबर 2025 तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। इस दौरान की गई प्रशासनिक कार्रवाई के तहत उन्हें सेवा से पृथक कर दिया गया था। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग और राज्य स्वास्थ्य समिति (कार्यकारिणी समिति) की बैठकों और पत्राचार के आधार पर अब यह तय किया गया है कि हड़ताल अवधि में की गई कार्रवाई को निरस्त किया जाएगा और कर्मचारियों को उनकी सेवाओं में पुन: बहाल किया जाएगा।
एनएचएम ने स्पष्ट किया कि संबंधित 25 संविदा कर्मचारियों की जिला स्तर पर सेवा बहाली की जाएगी और उनकी कार्य पर उपस्थिति को मान्यता दी जाएगी। इसके लिए सभी संबंधित जिलों के कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) और जिला स्वास्थ्य समितियों को आवश्यक निर्देश भेजे गए हैं, ताकि कर्मचारियों की पुन: नियुक्ति और सेवा बहाली में किसी प्रकार की देरी न हो। इस आदेश से संविदा कर्मचारियों में संतोष और राहत का माहौल है। कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव और मिशन संचालक का धन्यवाद करते हुए उनके सहयोग और समर्थन की सराहना की। NHM के 16,500 कर्मचारियों के सहयोग का भी उल्लेख करते हुए इस फैसले को स्वास्थ्य क्षेत्र में सकारात्मक कदम बताया गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालन और कर्मचारियों की पेशेवर प्रतिबद्धता को बनाए रखने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। सेवा बहाली से कर्मचारियों को न केवल कार्य का अधिकार मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और जिला स्तर पर मिशन के लक्ष्यों की प्राप्ति में भी मदद मिलेगी। NHM अधिकारियों ने कहा कि अब सभी संविदा कर्मचारी अपने कार्यस्थलों पर नियमित रूप से उपस्थित होकर मिशन के अंतर्गत स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में योगदान देंगे। इस निर्णय से कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि हुई है और स्वास्थ्य सेवाओं में स्थिरता और दक्षता बनी रहने की संभावना बढ़ी है।




