रवि भोई की कलम से
कहा जा रहा था कि विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली लिस्ट सितंबर के पहले हफ्ते में आ जाएगी और भाजपा की दूसरी लिस्ट भी 15 सितंबर तक आ जाएगी। लगता है दोनों पार्टियों का लक्ष्य फेल हो गया। कहते हैं टिकटों को लेकर कांग्रेस में घमासान मच गया है और अब चुनाव की घोषणा के पहले कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा नहीं होने वाला है। कांग्रेस में टिकटों को लेकर पुराने और दिग्गज लोगों में कोई समस्या नहीं है। नए खिलाडियों को लेकर ज्यादा समस्या है। माना जा रहा है कि पहली बार एमएलए बने ज्यादातर लोग हिट विकेट न हो जायं ,इसकी चिंता पार्टी को सता रही है। तो भाजपा में दिग्गजों को लेकर समस्या बताई जा रही है। माना जा रहा है भाजपा की दूसरी लिस्ट अब लोकसभा के विशेष सत्र के बाद या चुनाव की घोषणा के बाद ही आए।
भाजपा के बड़े नेताओं के चुनाव लड़ने की खबर
पहले चर्चा थी कि भाजपा अपने दिग्गज नेताओं के टिकट काटकर नए चेहरों को ही मैदान में उतारेगी। अब ऐसी खबर है जीत सकने वाले पुराने लोगों को भी मैदान में उतारा जा सकता है। कहा जा रहा है कि भाजपा हर हाल में छत्तीसगढ़ में सत्ता चाहती है। राजनांदगांव से डॉ रमनसिंह, रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल,कुनकुरी से विष्णुदेव साय,नारायणपुर से केदार कश्यप, जांजगीर से नारायण चंदेल, बिलासपुर से अमर अग्रवाल का चुनाव लड़ना तय बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सरोज पांडे और ओपी चौधरी को भी विधानसभा चुनाव लड़ाया जाएगा। कहाँ से लड़ाया जाएगा, यह अभी तय नहीं है। इसके अलावा और भी कई दिग्गज चुनाव लड़ सकते हैं।
15 -16 पुलिस अफसर ईडी के निशाने पर
खबर है कि राज्य के 15 -16 पुलिस अफसर महादेव ऐप के कर्ताधर्ता की शादी में शरीक होने के लिए दुबई गए थे। ये अब ईडी के निशाने पर आ गए हैं। महादेव ऐप के किंग की शादी का वीडियो आजकल राज्य भर में खूब वायरल हो रहा है। चर्चा है कि महादेव ऐप के किंग अपनी शादी में पानी की तरह पैसा बहाया। लाने-ले-जाने और ठहराने के अलावा लाखों के रिटर्न गिफ्ट भी दिए। कहते हैं ऑनलाइन सट्टा किंग की शादी में बॉलीवुड की कई हस्तियां भी शामिल हुई थीं। ईडी ने होटल और टिकट बुक कराने वालों को दबोचकर करीब 471 करोड़ की जब्ती बना लेने से मामला बड़ा पेचिदा हो गया है और सुर्ख़ियों में भी आ गया है।
परिवर्तन यात्रा के बहाने भाजपा की चुनावी कवायद
2023 के चुनावी शंखनाद के लिए भाजपा ने दंतेवाड़ा और जशपुर से पिछले हफ्ते चुनावी यात्रा निकाली है। दंतेवाड़ा की यात्रा को हरी झंडी दिखाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के न आने से शो कुछ फीका पड़ गया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का आगमन असरकारक नहीं रहा, पर कहते हैं इस कमी को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा ने जशपुर में पूरी कर दी। अब देखते हैं परिवर्तन यात्रा भाजपा के लिए संजीवनी बूटी बनती है या फिर कड़वी गोली। कांग्रेस ने भी 2013 के चुनाव के पहले परिवर्तन यात्रा निकाली थी। तब तो उसे सफलता नहीं मिली थी, पर 2018 में बंफर सीटें मिली।
प्रधानमंत्री का अगला छत्तीसगढ़ दौरा 28 सितंबर को
कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 सितंबर को बिलासपुर आएंगे और वे वहां एक रैली को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री 14 सितंबर को रायगढ़ आए थे और वे वहां कोड़ातराई में सरकारी कार्यक्रम के साथ एक सभा को भी संबोधित की थी। कहते हैं भारी बारिश के बावजूद पीएम की सभा में अच्छी खासी भीड़ आई थी। भीड़ का आलम यह था कि कई किलोमीटर तक जाम लग गया था और कई वीआईपी को भीड़ में अपना वाहन छोड़कर कुछ दूरी तक पैदल चलकर दूसरे वाहन की व्यवस्था करनी पड़ी। चर्चा है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव की गाड़ी भी जाम में फंस गई थी और कुछ दूर तक पैदल चलने के बाद एक कांग्रेसजन की गाड़ी से अपने गंतव्य तक जाना पड़ा।
पुलिस की हरकत से लोग भौंचक
विधानसभा चुनाव की घोषणा से छत्तीसगढ़ की पुलिस की नाकेबंदी और पैसों की जब्ती से लोग भौंचक हैं। कहीं साड़ी जब्त करने की खबर आ रही है तो कहीं नोटों की गड्डी। आमतौर पर चुनाव आचार सहिंता लागू होने के बाद पुलिस के जिम्मे यह काम आता है। इस बार पुलिस प्रो एक्टिव होकर काम कर रही है, उसने चुनाव आयोग के फरमान का इंतजार तक नहीं किया। फिलहाल पुलिस की इस कार्रवाई के शिकार ज्यादातर व्यापारी हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के बैनर तले व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले दिनों राज्य की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले से मिलकर व्यथा व्यक्त की और पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया है। वैसे भी चर्चा है कि छत्तीसगढ़ की पुलिस कानून-व्यवस्था को सुधारने की जगह मौके की तलाश में रहती है। शहरों की बिगड़ैल ट्रैफिक व्यवस्था को छोड़कर वाहन चालकों को दबोचने में ऊर्जा लगा देती है। मानो ऐसा लगता है नींद से जागकर काम कर रही हो। लोग कह रहे हैं अबकी बार पुलिस के टारगेट में व्यापारी आ गए हैं।
अध्यक्षविहीन लोक सेवा आयोग
छत्तीसगढ़ की संवैधानिक संस्था लोक सेवा आयोग फिलहाल बिना अध्यक्ष के चल रहा है। टामनसिंह सोनवानी का कार्यकाल खत्म होने के एक हफ्ते बाद भी सरकार ने किसी को लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नहीं बनाया है और न ही किसी को प्रभार दिया है। लोक सेवा आयोग में अभी डॉ प्रवीण वर्मा और डॉ सरिता उइके सदस्य हैं। इनमें से भी किसी को प्रभार नहीं दिया गया है। अब देखते हैं किसी सदस्य को कामचलाऊ प्रभार दे दिया जाएगा या फिर नई नियुक्ति की जाएगी, पर एक हफ्ते तक तो पीएससी बिना कप्तान के चला। वैसे छत्तीसगढ़ में राज्य निर्वाचन आयुक्त और लोक आयोग के अध्यक्ष कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी अस्थायी व्यवस्था के तहत चल रहे हैं। राज्य सूचना आयोग भी बगैर प्रमुख सूचना आयुक्त के चल रहा है।
योग को चमकाते ज्ञानेश शर्मा
कांग्रेस नेता ज्ञानेश शर्मा ने बतौर योग आयोग अध्यक्ष शहर-दर-शहर और बाग़-बगीचों से लेकर मोहल्लों में योग को नया आयाम देने का काम किया है। रायपुर शहर में ही सुबह-सुबह लोगों को योग मैट के साथ जगह-जगह देखा जा सकता है। पिछले हफ्ते राजधानी में 1500 से अधिक लोगों ने एकसाथ योग के सेतुबंध आसान कर नया रिकार्ड बनाया। कहते हैं यह रिकार्ड गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया है। माना जाता है कि बाबा रामदेव के कारण लोगों में योग के प्रति रूचि जागी। अब ज्ञानेश शर्मा रूचि को विस्तार देने का काम कर रहे हैं और सीमित साधनों से योग जमीन में फैलाने और नई ऊंचाई देने के लिए प्रयासरत हैं।
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