पांच दिवसीय दीपोत्सव की शृंखला धनतेरस आज से शुरू हो रही है। 10 नवंबर को धनतेरस, 11 व 12 को नरक चतुर्दशी, 12 को दीपावली, 14 को गोवर्धन पूजा और 15 को भाईदूज का त्योहार मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार धनतेरस पर प्रीति योग बन रहा है। राशि के अनुसार खरीदारी विशेष लाभदायी होगी।
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12: 35 बजे शुरू होगी। यह 11 नवंबर को दोपहर 1:57 बजे समाप्त होगी। इस बार धनतेरस तिथि पर प्रीति योग बन रहा है। इस योग का निर्माण शाम 5:06 बजे के बाद होगा और रातभर रहेगा। अतः इस योग में पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त
इससे पूर्व विष्कम्भ योग बन रहा है। इस योग में शुभ कार्य करने की मनाही होती है। इसलिए धनतेरस तिथि पर प्रदोष काल में खरीदारी कर सकते हैं। धनतेरस पर संध्याकाल 5:05 बजे के बाद खरीदारी कर सकते हैं। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल संध्याकाल 5:30 बजे से शुरू होगा। शाम 8:08 बजे समाप्त होगा। वहीं, वृषभ काल भी संध्याकाल 5:47 बजे से 7:34 बजे तक है। धनतेरस तिथि पर दोनों ही काल में पूजा कर सकते हैं।
समृद्धि के खुलेंगे द्वार
मान्यता है कि धनतेरस पर खरीदारी करने से सुख, सौभाग्य और धन में वृद्धि होती है। शुभ मुहूर्त में राशि के अनुसार खरीदारी और भी महत्वपूर्ण होती है। इससे समृद्धि के नए द्वार खुलेंगे। राशि के अनुसार खरीदे गए सामान से भगवान धनवंतरि की कृपा भी बरसती है।
मेष : चांदी के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक वस्तु।
वृष : चांदी या तांबे के बर्तन, घर के बुजुर्गों के लिए कपड़े।
मिथुन : सोने के आभूषण या सिक्के व रसोई का सामान।
कर्क: चांदी या कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान, सफेद रंग की कोई वस्तु, चांदी का श्रीयंत्र।
सिंह : तांबे के बर्तन व सोने के आभूषण।
कन्या : सोना, चांदी, प्रॉपर्टी।
तुला : सजावटी सामान, सौंदर्य प्रसाधन।
वृश्चिक : इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोने-चांदी के सामान, बर्तन।
धनु : सोने-चांदी के आभूषण, प्रॉपर्टी।
मकर : आभूषण, बर्तन, नीले कपड़े।
कुंभ: ब्यूटी प्रोडक्ट्स व चांदी के सिक्के।
मीन: सोने, चांदी व लकड़ी के बने सामान, कपड़े और पीले पुष्प।