गरियाबंद। लोक आस्था का महापर्व ‘छठ’ शुरू हो चुका है। चार दिनों तक चलने वाला ये पर्व सभी के लिए बहुत खास है। छठ पूजा का पहला दिन नहाय- खाय 17 नवंबर को था छठ पूजा का दूसरा दिन खरना 18 नवंबर दिन शनिवार तथा छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य 19 नवंबर दिन रविवार एवं छठ पूजा का चौथा दिन उगते सूर्य को अर्घ्य 20 नवंबर दिन सोमवार छठ पूजा न केवल उत्तर भारत में बल्कि देश के कई राज्यों में भी बड़े धूमधाम से मनाई जाती हैं। इसे साल के सबसे बड़े त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है। छठ पूजा का ये व्रत संतान की दीर्घायु और खुशहाल जीवन के लिए किया जाता है। इस दौरान महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं।
छठ के सभी दिनों का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ मैया सूर्य देव की बहन और ब्रह्मा जी की मानस पुत्री है नयापारा राजिम के मध्य प्रवाहित त्रिवेणी संगम के तट पर बसे नवापारा अंचल में इसकी तैयारी जोरों शोरो पर शुरू हो गयी है छठ घाट (नवापारा एनीकेट के पास ) की साफ सफाई शुरू हो गयी है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है , एवं सभी धर्मप्रेमियों से निवेदन है कि छठ घाट (नवापारा एनीकेट के पास ) उपस्थित होकर पूजा के अवसर का लाभ ले.
छठ सेवा समिति के सदस्य कामेश्वर तिवारी , राजेश शर्मा, सुरेंद्र शर्मा , राम कुमार शर्मा , आशीष अवस्थी , रविन्द्र सिंह , बृजकिशोर तिवारी , श्रवण झा , आदित्य गुप्ता जी एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं नगर पालिका का विशेष योगदान रहता है।