नेशनल न्यूज़। उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेस्क्यू का सामान लेकर आज शुक्रवार को उड़ीसा से एक मालगाड़ी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। बुधवार को गुजराती के वापी से दो ड्रिलिंग मशीन को मंगाने के बाद एक मालगाड़ी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंची थी। यहां से चार ट्रकों से मशीन को उत्तरकाशी भेजा गया था। उड़ीसा से मालगाड़ी पहुंचने के बाद रेस्क्यू उपकरणों को उत्तरकाशी भेजा जाएगा। योगनगरी रेलवे स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक जीएस परिहार ने बताया कि एक मालगाड़ी देर रात तक ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी।
केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने भी डाला डेरा
बृहस्पतिवार को बचाव अभियान का निरीक्षण करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल (सेनि) वीके सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी पहुंचे। निरीक्षण के बाद केंद्रीय मंत्री वीके सिंह जहां टनल से पहले बने कार्यालय में बैठ गए तो मुख्यमंत्री ने भी उत्तरकाशी के निकट स्थित मातली में डेरा डाल लिया। खबर लिखे जाने तक दोनों नेता मजदूरों के सकुशल बाहर आने का इंतजार कर रहे थे।
ड्रिलिंग के दौरान कंपन तेज होने से मशीन का बेस हिल
बीते गुरुवार रातभर मशीन का बेस मजबूत करने के लिए काम किया गया। बेस मजबूत होने के बाद ही ड्रिलिंग का दोबारा शुरू हो पाएगी। ऑगर मशीन का बेस हिलने के चलते ड्रिलिंग का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। ड्रिलिंग के दौरान कंपन तेज होने से मशीन का बेस हिल गया था। वहीं सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को आज 13वां दिन हो चुका है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 800 एमएम के स्टील पाइपों से 51 मीटर तक एस्केप टनल तैयार की जा चुकी है।
रेस्क्यू अधिकारी ने बताई ड्रोन तकनीक की खासियत
बचाव अभियान में इस्तेमाल की जा रही ड्रोन तकनीक पर स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ सिरिएक जोसेफ कहते हैं कि यह (ड्रोन) नवीनतम तकनीकों में से एक है जो सुरंग के अंदर जा सकती है। जिन क्षेत्रों में जीपीएस का नहीं करता इसकी पहुंच वहां भी है।
मदजूरों के खाने-पीने के लिए तैयारी
सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों के लिए खाने-पीने का सामान पैक किया जा रहा है। आज उम्मीद की जा रही है कि कुछ समय की निर्बाध ड्रिलिंग के बाद सभी मजदूर बाहर निकाल लिये जाएंगे