रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों के लिए आज मतगणना जारी है. शुरुआती रुझानों में एक बड़ी खबर सामने आ रही है. रुझानों में कांग्रेस के 8 मंत्री अपने निकट प्रतिद्वंदी से पीछे चल रहे हैं. जो मंत्री पीछे चल रहे हैं उनमें साजा से रविन्द्र चौबे, कवर्धा से मोहम्मद अकबर, आरंग से शिवकुमार डहरिया, कोंडागांव से मोहन मरकाम, सीतापुर से अमरजीत भगत, नवागढ़ से रुद्र गुरु और कोरबा से जय सिंह अग्रवाल पीछे चल रहे हैं.
रविंद्र चौबे (साजा)
साजा (Saja) विधानसभा बेमेतरा जिले की महत्वपूर्ण सीट है. ये प्रदेश के शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता रविंद्र चौबे (Ravindra Choubey) की सीट है. वे यहां से लगातार चुनाव लड़ते रहे हैं. 2018 में रवीन्द्र चैबे ने बीजेपी उम्मीदवार लाभचंद बाफना को हराया था. 2018 में यहां कुल 79.8 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस चुनाव में रवीन्द्र चौबे (Ravindra Choubey) ने लाभचंद बाफना को 31535 वोटों से हराया था. जो कि कुल वोट का 17.6 प्रतिशत था. इस बार भाजपा ने यहां से इश्वर साहू को उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि बीते महीनों ये सीट बिरनपुर घटना को लेकर चर्चा में थी.
मोहम्मद अकबर (कवर्धा)
कबीरधाम जिले का जिला मुख्यालय होने की वजह से कवर्धा (Kawardha) सीट काफी चर्चित सीट है. 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद अकबर (Mohammad Akbar) ने बीजेपी के अशोक साहू को हराया था. पिछले चुनाव में यहां 82.2% वोटिंग हुई थी. जिसमें मोहम्मद अकबर (Mohammad Akbar) ने अशोक साहू को 24.7% वोटों के मार्जिन (59284 वोटों से) से हराया था. ये सीट हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का गृहग्राम है. उन्होंने अपना पहला चुनाव कवर्धा से ही लड़ा था. वे यहां से विधायक रह चुके हैं. इस बार भाजपा ने यहां से विजय शर्मा को मौका दिया है.
शिव कुमार डहरिया (आरंग)
रायपुर जिले की महत्वपूर्ण सीटों में से एक आरंग (Aarang) सीट में इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया (Shiv Kumar Dahria) यहां से वर्तमान विधायक हैं. आरंग (SC) विधानसभा सीट से साल 2018 में शिवकुमार डहरिया ने बीजेपी उम्मीदवार संजय ढीढी को हराया था. पिछले चुनाव में यहां 76.1 प्रतिशत मतदान हुआ था. 2018 में डहरिया ने संजय ढीढी को 25077 वोटों से हराया था. इस यहां कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है. भाजपा ने यहां गुरु खुशवंत सिंह को उम्मीदवार बनाया है. जो कि सतनामी समाज के गुरु हैं. चूंकि शिव डहरिया भी इसी समाज से आते हैं, इस लिहाज से यहां का मुकाबला भी देखने लायक है.
जयसिंह अग्रवाल (कोरबा)
कोरबा (Korba) सीट अनारक्षित सीट है. यह कोरबा का जिला मुख्यालय भी है. प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल (Jaisingh Agarwal) यहां से वर्तमान विधायक हैं. 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार जयसिंह अग्रवाल ने बीजेपी उम्मीदवार विकास महतो को हराया था. यहां 71.1 प्रतिशत मतदान हुआ था. जयसिंह अग्रवाल (Jaisingh Agarwal) ने विकास महतो को 11806 वोटों से से हराया था. इस बार भाजपा ने यहां से लखन देवांगन को मौका दिया है.
गुरु रुद्र कुमार (नवागढ़)
नवागढ़ (Nawagarh) सीट बेमेतरा जिले में आती है. जो कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. वर्तमान में कांग्रेस के गुरुदयाल बंजारे यहां से विधायक हैं. लेकिन इस बार पार्टी ने यहां से प्रदेश के पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार (Guru Rudra Kumar) को टिकट दी है. रुद्र गुरु सतनामी समाज के गुरु हैं और समाज का बड़ा चेहरा हैं. 2018 में कांग्रेस के गुरुदयाल सिंह बंजारे ने बीजेपी उम्मीदवार पूर्व मंत्री दयालदास बघेल को हराया था. 2018 में यहां 72.2 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. गुरुदयाल सिंह बंजारे ने दयालदास बघेल को 33200 वोटों से हराया था. इस बार भाजपा ने यहां से पूर्व मंत्री और पिछले बार के प्रत्याशी दयालदास बघेल पर फिर से भरोसा जताया है.
अमरजीत भगत (सीतापुर)
सरगुजा की सीतापुर (Sitapur) विधानसभा सीट खास सीटों मे से एक है. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत (Amarjeet Bhagat) यहां से वर्तमान विधायक हैं. 2018 में अमरजीत भगत ने भाजपा प्रत्याशी प्रोफेसर गोपाल राम को हराया था. पिछले चुनाव में यहां 78.5 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. अमरजीत भगत (Amarjeet Bhagat) ने प्रोफेसर गोपाल राम को 36137 वोटों से हराया था. इस बार अमरजीत भगत के खिलाफ भाजपा ने राम कुमार टोप्पो को उम्मीदवार बनाया है.
मोहन मरकाम (कोंडागांव)
कोण्डागांव सीट (Kondagaon) अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री मोहन मरकाम (Mohan Markam) यहां से वर्तमान विधायक हैं. 2018 में मोहन मरकाम ने बीजेपी की लता उसेंडी को हराया था. यहां 80.7 प्रतिशत मतदान हुआ था. मोहन मरकाम (Mohan Markam) ने लता उसेंडी को 1796 वोटों से हराया था. इस बार भाजपा ने यहां से फिर से लता उसेंडी पर भरोसा जताया है.