जयपुर। राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज पीएम मोदी की मौजुदगी में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। आज सीएम सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट हो जाएंगे। अभी वे जयपुर में जवाहर सर्किल पर स्थित एक बहुमंजिला इमारत में सातवीं मंजिल पर रह रहे थे। मंगलवार देर रात उन्हें सुरक्षा कारणों के चलते एक गेस्ट हाऊस में शिफ्ट कर दिया गया था। सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट होने तक भजनलाल शर्मा और उनका परिवार इसी गेस्ट हाउस में रहे।
राजधानी जयपुर में सिविल लाइंस में मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास है और निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वहीं रह रहे थे। आठ सिविल लाइंस के नाम से प्रसिद्ध इस मुख्यमंत्री निवास में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने पहले कार्यकाल में तो रही थीं, लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने इसे अपना सरकारी निवास नहीं बनाया था। पहले कार्यकाल के बाद उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में सिविल लाइंस में ही 13 नंबर का बंगला आवंटित कर दिया गया था और इस बंगले में उन्होंने अपनी रुचि के अनुसार काफी बदलाव कर दिए थे।
फिर 2013 में जब भी वापस सत्ता में लौंटी तो उन्होंने 13 सिविल लाइंस को ही अपना सरकारी निवास बना दिया और यहीं रहते हुए मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा किया। इसके बाद 2018 में जब अशोक गहलोत फिर से मुख्यमंत्री बने तो वे यहां शिफ्ट हुए और मुख्यमंत्री निवास की रौनक लौटी। अब भजनलाल शर्मा इस आधिकारिक मुख्यमंत्री निवास में जाएंगे, क्योंकि जयपुर में उनके पास अभी सिर्फ एक फ्लैट ही है।
चुनावी घोषणा पत्र में बताई 1.46 करोड़ की संपत्ति
चुनाव के समय उनकी ओर से दाखिल किए गए शपथ पत्र के अनुसार, भजनलाल शर्मा के पास खेती की जमीन के साथ ही भरतपुर में मकान और जयपुर में फ्लैट है। इसके साथ ही उन पर करीब 35 लाख रुपये का कर्जा भी है। शपथ पत्र के अनुसार, भजनलाल शर्मा के पास 1,46,56,666 रुपये की संपत्ति है, जबकि देनदारी 35 लाख रुपये है। भजनलाल शर्मा के पास 1,15,000 रुपये नकद हैं। जबकि अलग-अलग बैंक खातों में उनके नाम से 11 लाख रुपये जमा हैं। उनकी पत्नी के नाम पर 1.50 लाख रुपये की नकदी है, जबकि 10 हजार रुपये बैंक में जमा हैं।
कीमती धातु की बात करें तो भजनलाल शर्मा के पास करीब तीन तोला सोना है, जिसकी कीमत 1,80,000 रुपये बताई गई है। उन्होंने शेयर और बॉन्ड में कोई निवेश नहीं किया है। हालांकि, भजनलाल के पास एलआईसी और एचडीएफसी की दो इंश्योरेंस पॉलिसी हैं।
भजनलाल शर्मा के पास एक टाटा सफारी गाड़ी है, जिसकी कीमत पांच लाख रुपये बताई गई है। वहीं एक टीवीएस विक्टर मोटर साइकिल भी है, जिसकी कीमत 35,000 रुपये है। उनके पास भरतपुर में 0.035 हेक्टेयर कृषि भूमि है, जिसकी कीमत तीन लाख रुपये बताई गई है। भरतपुर में ही दो घर और जयपुर में एक फ्लैट है। इनकी कीमत एक करोड़ रुपये बताई गई है। उनके पास कोई कॉमर्शियल बिल्डिंग और नॉन एग्रीकल्चर लैंड नहीं है।
भजनलाल शर्मा का परिवार
56 साल के भजनलाल शर्मा के पिता का नाम किसान स्वरूप शर्मा है। भजनलाल शर्मा का एक लंबा और प्रतिष्ठित राजनीतिक करियर है, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रति उनके समर्पण को दिखाता है। मुख्यमंत्री की भूमिका संभालने से पहले, उन्होंने पार्टी के भीतर अपने संगठनात्मक स्किल और लीडरशिप स्किल का प्रदर्शन किया है।
भरतपुर में पले बढ़े, उच्च शिक्षा जयपुर में
भजनलाल शर्मा का जन्म एक सामान्य ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम किशन स्वरूप शर्म है। प्रारम्भिक शिक्षा उन्होंने अपने गांव अटारी में की। फिर गांव के पास गगवाना की राजकीय माध्यमिक स्कूल गगवाना में 10 कक्षा तक की पढ़ाई की। 11वीं और 12वीं कक्षा तक की पढाई राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नदबई (भरतपुर) में की। बाद में उच्च शिक्षा के लिए वे जयपुर आए और एसएसजी सुबोध कॉलेज में एडमिशन लिया। सुबोध कॉलेज से उन्होंने बीए (स्नातक) किया। इसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में एमए (मास्टर डिग्री) की पढ़ाई (प्राइवेट) की।
भजनलाल शर्मा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
शर्मा का जन्म 1967 में राजस्थान के जयपुर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनका बचपन आर्थिक रूप से कमजोर परिस्थितियों में बीता, लेकिन उन्होंने अपनी शिक्षा को कभी बाधित नहीं होने दिया। उन्होंने स्नातक की डिग्री पूरी की और बाद में राजनीति में अपना करियर बनाने का फैसला किया।
एकाएक विधायक बने भजनलाल शर्मा
गौर करने वाली बात है कि भाजपा ने भजनलाल शर्मा को टिकट देने के लिए सांगानेर से विधायक अशोक लौहाटी का टिकट काटा था। भजनलाल केंद्रीय नेतृत्व के भरोसे पर खरे उतरे और कांग्रेस के उम्मीदवार पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48 हजार वोटों के लंबे अंतर से हराया। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। बता दें कि चुनाव परिणाम आने के बाद से 17 विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा की 199 सीटों पर मतदान हुए थे। वोटों की गिनती रविवार यानी तीन दिसंबर को हुई थी। इसमें भाजपा ने 115 सीटें जीतीं। कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई। आठ निर्दलीय जीत चुके हैं, तीन सीटों पर भारत आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार जीते हैं। दो सीटें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के खाते में गई थी। राजस्थान में पांच करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने वोट दिया था। प्रदेश में करीब 74.13 फीसदी वोट पड़े थे।