पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी इस बार 17 दिसंबर, रविवार को विवाह पंचमी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्रीराम और मां जानकी का विवाह हुआ था। धार्मिक मान्यता है कि विवाह पंचमी पर भगवान श्रीराम और मां जानकी की पूजा-अर्चना करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है, साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो विवाह पंचमी पर कुछ धार्मिक उपाय करना लाभकारी रहेगा।
बनेंगे शीघ्र विवाह के योग
जिन लोगों के विवाह में बाधाएं आ रही हो या फिर बिलंब हो रहा हो उन्हें विवाह पंचमी के दिन व्रत रखना चाहिए और विधि-विधान के साथ भगवान राम और माता सीता का पूजन करना चाहिए। इसी के साथ प्रभु श्रीराम और माता-सीता का विवाह सम्पन्न करवाना चाहिए। पूजन सम्पन्न होने के बाद भगवान से अपनी मनोकामना पूर्ण होने की विनती करनी चाहिए। मान्यता है कि इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं साथ ही योग्य जीवन साथी मिलता है एवं विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं। इस दिन ‘पानिग्रहन जब कीन्ह महेसा। हियं हरषे तब सकल सुरेसा॥ बेदमन्त्र मुनिबर उच्चरहीं। जय जय जय संकर सुर करहीं॥’ मंत्र का जप जरूर करें, ऐसा करने से शादी में हो रही देरी दूर हो जाती है।
जीवन में आएगी सकारात्मकता
शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष की पंचमी को ही गोस्वामी तुलसीदासजी ने अति दिव्य ग्रंथ रामचरितमानस पूर्ण की थी, साथ ही रामजी और सीताजी का विवाह भी इसी दिन हुआ था इसलिए विवाह पंचमी के दिन रामचरितमानस का पाठ करना बेहद शुभकारी है। रामचरितमानस का पाठ करने से जीवन के सभी विकार दूर होते हैं।
नहीं रहेंगे दुःख
जिनके वैवाहिक जीवन में संतान या परिवार से सम्बंधित कोई भी समस्या है, वे इस दिन श्रीराम और सीताजी का पूजन करके श्रीराम रक्षा स्रोत का पाठ करें तो अवश्य लाभ होगा। आज के दिन भगवान श्रीराम का विधिवत पूजन और सांकेतिक रूप से या उत्सव के रूप में भगवान का विवाह सीताजी से कराया जाए तो जीवन में सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन जानकी मंगल का पाठ अत्यंत फलदाई माना गया है।
वैवाहिक जीवन में घुलेगी मिठास
भगवान राम और माता सीता का मन में ध्यान करके तुलसी की माला से यथाशक्ति इस मंत्र का “ॐ जानकीवल्लभाय नमः” मन्त्र का जाप करें। इनमें से किसी भी एक दोहे का जाप करना लाभकारी होगा। जप करने के बाद सुखद वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करें।
सुख प्राप्ति हेतु मंत्र
विशेष रूप से विवाह पंचमी के दिन इस मंत्र का 108 बार जप करने से प्रभु श्रीराम की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने ।।
ग्रह दोषों से मुक्ति
इस दिन लाल कलम से 108 बार श्रीराम का नाम किताब पर लिखें या अनार की कलम से अष्टगंध की स्याही बनाकर भोज पत्र पर अंकित करें,ताकि अनिष्ट ग्रहों की पीड़ा भी सरलता से दूर हो जाए।राम नाम लिखने से शनि,राहु,केतु की पीड़ा से भी मुक्ति मिलती है।