पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस तरह से हर माह में दो प्रदोष व्रत आते हैं। प्रदोष व्रत शिव जी को समर्पित होता है। प्रत्येक प्रदोष व्रत का नाम सप्ताह के दिन के अनुसार होता है और इसके फल की प्राप्ति भी उसी के अनुसार बढ़ जाती है। प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखकर शिव जी के साथ मां पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा व व्रत करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है और वे अपने भक्तों के समस्त संकटों को दूर कर देते हैं। इस व्रत को करने भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और आपके परिवार में सुख-शांति व समृद्धि आती है। अब साल 2024 की शुरुआत हो चुकी है।
भौष प्रदोष व्रत 2024 का शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 8 जनवरी 2024 को रात 11 बजकर 58 मिनट पर होगी। अगले दिन 9 जनवरी 2024 को रात 10 बजकर 24 मिनट पर इसका समापन होगा। इस दिन शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 41 मिनट से रात 08 बजकर 24 मिनट तक है।
शुभ संयोग
पंचांग के अनुसाल 9 जनवरी को प्रदोष व्रत के साथ ही साल की पहली मासिक शिवरात्रि भी है। ये दोनों तिथियां शिव जी को समर्पित हैं। ऐसे में शिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक दिन ही पड़ने के कारण इस दिन का महत्व और बढ़ गया है। इस दिन पूजा-पाठ करने से कई गुना फल मिलेगा।