18 फ़रवरी का इतिहास अंतरिक्ष विज्ञान की नजर से देखें तो काफी मायने रखता है. 18 फरवरी साल 1930 में आज के ही दिन ‘प्लूटो’ की खोज हुई थी. प्लूटो की खोज (discovery of pluto) का श्रेय अमेरिकी वैज्ञानिक ‘क्लाइड टॉमबॉग’ (Clyde Tombaugh’) को जाता है. इसके नाम का किस्सा भी काफी दिलचस्प है. 11वीं क्लास की एक स्टूडेंट ने सुझाव दिया कि रोम में अंधेरे का देवता प्लूटो है. यह ग्रह भी अंधेरे में रहता है, इस वजह से इसे भी प्लूटो नाम देना ठीक होगा. हालांकि साल 2006 के बाद से इसे ग्रह की श्रेणी से हटा कर बौने ग्रह (dwarf planets) की श्रेणी में डाल दिया गया.
इतिहास के दूसरे अंश में बात स्वामी ‘रामकृष्ण परमहंस’ (‘Ramakrishna Paramhansa’) की करेंगे. 18 फरवरी को देशभर में उनकी जयंती मनाई जाती है. रामकृष्ण परमहंस एक महान संत और विचारक के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने हमेशा लोगों से एकजुट होकर रहने और सभी धर्मों का बराबर सम्मान करने की बात की थी. महान संत एवं विचारक स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekanand) ने स्वामी ‘रामकृष्ण परमहंस’ को अपना गुरु माना था.
इतिहास का तीसरा अंश एक भीषण हादसे से जुड़ा हुआ है. आज से करीब 17 साल पहले 18 फरवरी साल 2007 में भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली ‘समझौता एक्सप्रेस’ में ब्लास्ट (Blast in ‘Samjhauta Express’) हुआ था. इस हादसे में 68 लोग मारे गए थे. यह हादसा रात 11.53 बजे दिल्ली से क़रीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दिवाना रेलवे स्टेशन के पास हुआ था.
देश- दुनिया में 18 फरवरी का इतिहास
1965: गाम्बिया को ब्रिटेन के शासन से आजादी मिली.
1946: मुंबई में रॉयल इंडियन नेवी (नौसेना) में विद्रोह हुआ.
1911: विमान से पहली बार डाक पहुंचाने का काम भारत में हुआ.
1905: श्यामजी कृष्णवर्मा ने इंडिया होमरूल सोसायटी की स्थापना लंदन में की.
1883ः भारतीय क्रांतिकारी मदन लाल ढींगरा का जन्म.