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आज का इतिहास 18 जून : Pizza की हुई थी भारत में एंट्री, खूबसूरत Goa से भी जुड़ा है आज का इतिहास

Pizza, एक ऐसा फास्ट फूड जिससे बारे में सभी जानते हैं. कभी-न-कभी हर किसी ने इसका स्वाद चखा जरूर होगा. पर क्या कभी आपने सोचा है भारत में पहली बार पिज्जा कहां बना. किस शहर से इसकी बिक्री शुरू हुई?

दरअसल, पिज्जा का सफर यूनान, इटली, अमेरिका आदि देशों से होते हुए 1996 में इंडिया पहुंचा. दिन था 18 जून जब पिज्जा को इंडिया लाया गया था. Pizza Hut ही वो कंपनी है जिसने पहली बार भारतीय लोगों को पिज्जा के स्वाद से रूबरू कराया था. कंपनी ने इंडिया में अपना पहला आउटलेट बेंगलुरु में खोला था.

अब आप सोच रहे होंगे कि पिज्जा मार्केट का सबसे बड़ा नाम Domino’s कहां था? तो आपको यह भी बता देते हैं कि Domino’s भी Pizza Hut से पीछे नहीं था. 1995 में Domino’s Pizza India Private Ltd ने डोमिनोज की फ्रेंचाइजी ली थी. इसके बाद 1996 में कंपनी ने डोमिनोज के पिज्जा को मार्केट में उतारा था. Domino’s Pizza का पहला आउटलेट नई दिल्ली में खुला था.

1858- वीरांगना लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस

देश-दुनिया के इतिहास में 18 जून की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है. ये तारीख लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के रूप में भी जानी जाती है. आजादी की लड़ाई की नायिका झांसी की रानी वीरांगना लक्ष्मीबाई आज ही के दिन 18 जून 1858 को अंग्रेजों से मुकाबला करते हुए वीरगति को प्राप्त हुई थीं. अंग्रेजी हुकूमत के दांत खट्टे करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के याद से तब से हर साल 18 जून को बलिदान दिवस मनाया जाता है. भारत के गौरवशाली इतिहास में जब-जब वीरांगनाओं का जिक्र किया जाएगा, तब वीरांगना लक्ष्मीबाई का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता रहेगा. महारानी लक्ष्मीबाई की वीरता और पराक्रम हमेशा लोगों को प्रेरणा देते रहेंगे.

1946- गोवा क्रांति की हुई थी शुरूआत

गोवा…जो आज के वक्त में भारतीयों के सबसे फेवरेट डेस्टिनेशन के तौर पर जाना जाता है. आज का दिन उसी गोवा से भी जुड़ा है. दरअसल, 18 जून 1946 के दिन डॉ राम मनोहर लोहिया ने गोवा की जनता को पुर्तगालियों के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए प्रेरित किया था. वहीं उनकी इस पहल ने आगे चलकर क्रांति का रूप लिया. इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य गोवा को मुक्त कराना था. आपको बता दें कि 15 अगस्त 1947 जहाँ पूरे भारत में स्वतंत्रता का जश्न मनाया गया, वहीं इस खुशी के माहौल के बीच गोवा एक ऐसा राज्य था जो गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था. क्योंकि गोवा में ब्रिटिशरों का नहीं बल्कि पुर्तगालियों का शासन था. लेकिन गोवावासियों ने हार नहीं मानी. वहीं आज़ादी के लिए 14 साल के लम्बे संघर्ष के बाद आखिरकार 1961 में “ऑपरेशन विजय” के माध्यम से गोवा को मुक्ति मिली. गोवा की स्वतंत्रता की लड़ाई की शुरुआत 18 जून 1946 को हुई थी. इसी कारण 18 जून का दिन गोवावासियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है जिसे हर साल गोवा क्रांति दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

2005- ऑटिस्टिक गौरव दिवस की शुरूआत

हर साल 18 जून को ऑटिस्टिक गौरव दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य ये है कि लोगों को ऑटिज्म के बारे में जागरुक किया जाए. सबसे पहले ये दिवस 2005 में ब्राजील में मनाया गया था. इस दिवस को मनाने के पीछे एक और बड़ा कारण ये है कि ऑटिज्म से ग्रसित लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरुक किया जाए. साल 2024 विश्व ऑटिस्टिक गौरव दिवस की थीम “मुखौटा उतारना” है. बता दें कि ऑटिज्म एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल स्थिति है,जो बचपन में शुरू होती है. जिसमें व्यक्ति के वर्बल या नॉन वर्बल कम्युनिकेशन, इमेजिनेशन और सोशल इंटरेक्शन पर बुरा असर पड़ता है.

18 जून की महत्त्वपूर्ण घटनाएं

1999 – लंदन में पेयजल समझौते पर हस्ताक्षर, जिसमें 35 यूरोपीय देशों शामिल हुए.
2001 – पाकिस्तान ने रक्षा बजट में कटौती की.
2008 – वियतनाम ने विश्व व्यापार में सुधार लाने के लिए चावल पर निर्यात किया.
2017 – ICC चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की हुई हार.
2001 – ओसामा बिन लादेन के लिए अमेरिका के खिलाफ तालिबान ने फतवा रद्द कर दिया.
2004 – दक्षिण कोरिया ने अहम फैसला लेते हुए इराक में सेना भेजने का निर्णय लिया.
2004 – मुटभेड़ में 69 सूडानी मिलिशियाई की मौत हुई.
2008 – सरकार ने ओबीसी को 5% दिया.
2008 – फ़ार्मा कम्पनी रैनबैक्सी ने पेटेंट विवाद पर अमेरिका से समझौता किया.
1979 – अमेरिकी राष्ट्रपति ने ‘साल्ट-द्वितीय’ समझौते पर किए हस्ताक्षर.
1997 – जिसने 20 लाख लोगों की हत्या की कंबोडिया का माओवादी पोलपोट का आत्मसमर्पण.

18 जून को जन्मे व्यक्ति

1921 – पी. वेंकटसुब्बैया – भारतीय राजनीतिज्ञ
1852 – सी. विजय राघवा चारियर – भारतीय राजनीतिज्ञ
1817 – जंगबहादुर – नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री
1931 – के एस सुदर्शन – राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सदस्य और संचालक
1899 – दादा धर्माधिकारी – स्वतंत्रता सेनानी
1887 – अनुग्रह नारायण सिन्हा – स्वतंत्रता सेनानी
1992 – गोड्डेति माधवी – भारतीय राजनीतिज्ञ
1958 – होमी डैडी मोतीवाला – नौकायन के खिलाड़ी

 

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