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बस्तर में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम, गोवा की तर्ज पर विकसित होगा कोसारटेडा बांध

जगदलपुर। बस्तर जिले की कोसारटेडा मध्यम बहुउद्देश्यीय सिंचाई जलाशय परियोजना सिंचाई के साथ अब ईको-टूरिज्म हब के रूप में विकसित हो रहा है। जिला खनिज न्यास संस्थान की बैठक में विष्णुदेव साय सरकार में कैबिनेट मंत्री एवम स्थानीय विधायक श्री केदार कश्यप जी के साथ हुई चर्चा पर गंभीरता से अमल करते हुए बस्तर के ट्राइबल कल्चर को नई पहचान दिलाने एवम बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा जिला खनिज न्यास (DMFT)मद से करीब 03 करोड़ 51 लाख रुपए की लागत से निर्मित किये जा रहे कोसारटेडा जलाशय में ईको-टूरिज्म रिसोर्ट एवं अन्य पर्यटक सुविधाओं के जरिए बस्तर को नई पहचान मिलेगी।

वन एवं जल संसाधन मंत्री  केदार कश्यप  के अपेक्षानुरूप कलेक्टर  विजय दयाराम के. एवम जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ परियोजना का भ्रमण कर गहराई से अध्ययन करते हुए अपने सतत मार्गदर्शन में बस्तर की स्थानीय परिवेश एवं लोक संस्कृति के अनुरूप ईको-टूरिज्म हब के डिजाइन का निर्माण कराया गया है। जिसमें मुख्य तौर पर 06 नेचुरल बम्बू कॉटेज,04 लक्जरी विला टेंट, एक बम्बू से निर्मित रेस्टोरेंट, बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क, एडवेंचर रोप कोर्स,वॉटर स्पोर्ट्स सुविधाएं सहित पूरे ईको-टूरिज्म हब ईलाके को आकर्षक बनाने के लिए गार्डन डेवलपमेंट,बम्बू गजेबो,लैंड स्केपिंग,लॉन ग्रास वर्क,सीमेंट आर्ट वर्क,स्टेच्यू इत्यादि कार्यों के साथ ही एप्रोच रोड एवं पार्किंग स्थल भी निर्मित किया जा रहा है। उक्त सभी कार्यों को आगामी 11 महीने में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शासन की मंशानुरूप कोसारटेडा जलाशय ईको-टूरिजम हब के संचालन में स्थानीय मातृ शक्ति महिला स्वसहायता समूहों की व्यापक सहभागिता के साथ ही युवाओं और ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

गंगरेल जलाशय के बाद प्रदेश में ये दूसरी परियोजना होगी जिसे मिनी गोवा की तरह विकसित किया जा रहा है इससे बस्तर की ओर सैलानियों का आकर्षण बढ़ेगा एवम आने वाले समय में इन प्रयासों के माध्यम से बस्तर को नई पहचान मिलेगी।

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