रवि भोई की कलम से
कहते हैं छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए टी एस सिंहदेव का नाम चल रहा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस संगठन में जल्द बदलाव होगा। धारणा है कि दीपक बैज के नेतृत्व में विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा। इस कारण संगठन का नेतृत्व किसी नए को सौंपा जाना चाहिए। प्रदेश की राजनीति में सिंहदेव का नाम बड़ा होने के साथ पार्टी को मजबूत करने के लिए आर्थिक दृष्टि से उन्हें सक्षम बताया जा रहा है। सिंहदेव कांग्रेस की सरकार में उप मुख्यमंत्री थे, उसके पहले नेता प्रतिपक्ष थे। सिंहदेव निजी कारणों के चलते लोकसभा चुनाव में ज्यादा सक्रिय नहीं थे। खबर है कि अब वे हाईकमान की तरफ से सौंपी जाने वाली जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं। चर्चा है कि संगठन में बदलाव की खबरों के चलते कांग्रेस विधायक दल के उपनेता का चयन भी अटका है। अब देखते हैं कांग्रेस में बदलाव होता है या फिर पुरानी टीम ही चलती रहती है।
मंत्रिमंडल का विस्तार लटका
चर्चा है कि विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का विस्तार फिलहाल टल गया है। कहा जा रहा है कि अब विधानसभा के मानसून सत्र के बाद ही संभावना लग रही है। साय मंत्रिमंडल में अभी दो मंत्री पद खाली हैं। खबर है कि नए-पुराने विधायकों के चक्कर में मामला लटक गया है। मंत्रिमंडल में खाली दो जगह के लिए नए और पुराने कई विधायक दावेदार हैं। मंत्री के लिए पिछले एक पखवाड़े के भीतर कई विधायकों के नाम चले। कई लोगों ने अपने -अपने तरीके से लॉबिंग भी की।
मंत्री जी का शेडो पीए
छत्तीसगढ़ के एक मंत्री जी के शेडो पीए की बड़ी चर्चा है। कहते हैं कि शेडो पीए के बिना मंत्री जी के दफ्तर का पत्ता भी नहीं खड़कता है। खबर है कि शेडो पीए ही कामकाज का बंटवारा करते है और मंत्री जी के विभाग के अफसरों को दिशा-निर्देश देते हैं। कहा जाता है कि शेडो पीए ने भाजपा से जुड़े कुछ लोगों के कामों में अड़ंगा लगा दिया और उनकी मुराद पूरी नहीं होने दी। बताते हैं इससे भाजपा से जुड़े लोग खफा हो गए हैं और शेडो पीए के बारे में शिकायत ऊपर तक पहुंचा आए हैं। शेडो पीए पिछली सरकारों में केंद्र बिंदु में रहे हैं और चर्चा में भी, पर इस बार गुमनाम रहते हुए भी सुर्ख़ियों में हैं।
उप मुख्यमंत्री के तमगे पर शोर
कहते हैं भाजपा शासित राज्यों में उप मुख्यमंत्री के पद को लेकर शोर मचने लगा है। भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद उप मुख्यमंत्री का फार्मूला लागू किया। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में दो -दो उप मुख्यमंत्री बनाए गए। शीर्ष स्तर पर माना जाने लगा है कि इस फार्मूले में राज्यों में पावर सेंटर बढ़ गए हैं। इससे सत्ता संतुलन गड़बड़ाने लगा है। खबर है कि इस फार्मूले की समीक्षा होने लगी है। भाजपा हाईकमान ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के लिए इस फार्मूले को अपनाया। अब इस फार्मूले पर ही शोर मचने लग गया है। देखते हैं नतीजा क्या निकलता है ?
पवनदेव का बंद लिफाफा कब खुलेगा
कहते हैं आईपीएस अधिकारी पवनदेव के एडीजी से डीजी प्रमोशन वाला बंद लिफाफा खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। खबर है कि पवनदेव के पुराने मामले का निराकरण कर उन्हें प्रमोट करने की कवायद चल पड़ी है। सरकार ने विभागीय पदोन्नति समिति की सिफारिश पर पिछले दिनों 1992 बैच के आईपीएस अरुणदेव गौतम और 1994 बैच के आईपीएस हिमांशु गुप्ता को डीजी बनाने का आदेश जारी किया,लेकिन 1992 बैच के आईपीएस पवनदेव का पुराना मामला पेंडिग होने के कारण विभागीय पदोन्नति समिति ने इनके नाम का लिफाफा बंद कर दिया। अब पवनदेव के लिफाफा खुलने का इंतजार है।
नहीं आया मौसम
आमतौर पर 15 से 30 जून के बीच ट्रांसफर का सीजन आ ही जाता है, भले ट्रांसफर पर प्रतिबंध होता है, लेकिन व्यवस्था की दृष्टि से कुछ ट्रांसफर तो हो ही जाते हैं। निचले स्तर के न सही, कलेक्टर-एसपी और कुछ बड़े अफसरों के तबादले के आदेश तो निकल ही जाते हैं। इस बार मौसम ठंडा रहा। जैसे बादल आते हैं और बिना बरसे ही चले जाते हैं, ऐसा ही कुछ अफसरों के ट्रांसफर के मामले में देखा गया। तबादलों का हल्ला हुआ, पर आदेश कुछ नहीं निकला। खबर है कि फिलहाल तो शांति बनी रहेगी। कलेक्टर-एसपी की लिस्ट आने की भी उम्मीद कम ही है।
जीपी के मामले को केंद्र ने राज्य पर छोड़ा
कहते हैं जीपी सिंह के मामले में विचार के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार पर छोड़ दिया है। बर्खास्तगी के मामले में कैट से आईपीएस अफसर जीपी सिंह जीत गए हैं। कैट के फैसले के आधार पर उन्हें बहाल करना है। खबर है कि राज्य सरकार ने बहाली का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। अब केंद्र सरकार ने मामले पर पुनर्विचार की टिप्पणी के साथ गेंद राज्य सरकार के पाले में डाल दिया है।
बीज निगम के एमडी का चार्ज सारांश को
सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध संचालक का प्रभार कृषि संचालक सारांश मित्तर को दे दिया है। अब तक दूरसंचार सेवा के अधिकारी पोषण चंद्राकर बीज निगम के एमडी थे, उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी होने के कारण सरकार ने उन्हें कार्यमुक्त कर दिया। इससे बीज निगम के एमडी का पद खाली हो गया था। सारांश मित्तर ने बीज निगम के एमडी का कार्यभार संभाल लिया है।
(लेखक पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
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