ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 09 अगस्त यानी आज नाग पंचमी है। यह पर्व हर वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव संग नाग देवता की पूजा की जा रही है। ज्योतिषियों की मानें तो नाग पंचमी पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही कई अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में नाग देवता की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
आज का पंचांग (Panchang 09 August 2024)
नाग पंचमी शुभ मुहूर्त (Nag Panchami 2024 Date And Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 10 अगस्त को देर रात 03 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा। इसके बाद षष्ठी तिथि शुरू होगी। इस दिन पूजा हेतु शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 01 मिनट से लेकर 08 बजकर 37 मिनट तक है। इस दौरान साधक स्नान-ध्यान कर महादेव संग नाग देवता की पूजा कर सकते हैं।
शिववास योग
नाग पंचमी पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भगवान शिव कैलाश पर जगत जननी मां पार्वती के साथ रहेंगे। इस समय में शिव परिवार संग नाग देवता की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।
सिद्ध योग
नाग पंचमी पर सिद्ध योग का संयोग बन रहा है। सिद्ध योग दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगा। इसके बाद साध्य योग का निर्माण हो रहा है। सिद्ध और साध्य योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को हर कार्य में सफलता प्राप्त होगी।
करण
नाग पंचमी पर बव और बालव करण का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वप्रथम बव करण का संयोग बन रहा है। इसके बाद बालव करण का निर्माण हो रहा है। वहीं, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव और नाग देवता की पूजा करने से जातक को उत्तम फल की प्राप्ति होगी।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 01 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 04 मिनट पर
चन्द्रोदय- सुबह 09 बजकर 55 मिनट पर
चंद्रास्त- रात 9 बजकर 56 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 17 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 04 मिनट से 07 बजकर 25 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 10 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल – सुबह 10 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 07 बजकर 39 मिनट से 09 बजकर 17 मिनट तक
दिशा शूल – पश्चिम
ताराबल
अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन