आज का पंचांग 16 सितंबर : कन्या संक्रांति पर सुकर्मा योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें दैनिक पंचांग

वैदिक पंचांग के अनुसार, 16 सितंबर यानी आज कन्या संक्रांति है। यह पर्व सूर्य देव के कन्या राशि में गोचर करने की तिथि पर मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर रहे हैं। साथ ही सूर्य देव की उपासना कर रहे हैं। धार्मिक मत है कि सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। कन्या संक्रांति पर दुर्लभ सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में सूर्य देव की पूजा करने से करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलेगी। आइए पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-
आज का पंचांग (Panchang 16 September 2024)
आज यानी कन्या संक्रांति तिथि पर पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 25 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 25 मिनट तक है। साधक पुण्य काल के दौरान स्नान-ध्यान कर दान-पुण्य कर सकते हैं।
सुकर्मा योग
कन्या संक्रांति पर सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन सुबह 11 बजकर 42 मिनट पर होगा। ज्योतिष सुकर्मा योग को शुभ मानते हैं। इस योग में किए गए कार्यों में विघ्न नहीं आता है। साथ ही शुभ कार्यो में शुभ फल प्राप्त होता है। सूर्य उपासना, सेवा और सत्कर्म करने के लिए यह योग अति उत्तम है।
रवि योग
सूर्य देव के कन्या राशि में गोचर करने की तिथि पर रवि योग का भी संयोग बन रहा है। रवि योग का निर्माण संध्याकाल 04 बजकर 33 मिनट पर हो रहा है। इस योग का समापन 17 सितंबर को सुबह 06 बजकर 07 मिनट पर होगा। रवि योग में सूर्य देव की पूजा करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
शिववास योग
कन्या संक्रांति पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। शिववास योग दोपहर 03 बजकर 10 मिनट तक है। इस दौरान भगवान शिव नंदी पर विराजमान रहेंगे। शिववास योग में सूर्य देव की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 07 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 25 मिनट पर
चन्द्रोदय- शाम 05 बजकर 27 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 04 बजकर 57 मिनट पर (17 सितंबर)
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 20 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से 03 बजकर 08 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 48 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल – सुबह 07 बजकर 39 मिनट से 09 बजकर 11 मिनट तक
गुलिक काल – दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
दिशा शूल – पूर्व
ताराबल
भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुम्भ