Close

शारदीय नवरात्रि से ठीक पहले सूर्य ग्रहण, क्या कलशस्थापना पर पड़ेगा असर? दूर करें कंफ्यूजन

ज्योतिषशास्त्र में ग्रहण को बेहद अशुभ माना जाता है फिर चाहे वह सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण. ग्रहण से कई घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. सूतक काल में या फिर ग्रहण में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है. वहीं अक्टूबर के महीने में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. साल के आखिरी सूर्य ग्रहण का साया शारदिया नवरात्रि पर पड़ने वाला है, वो इसलिए क्योंकि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण घटस्थापन से ठीक पहले लगने जा रहा है.
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर यानी सर्वपितृ अमावस्या के दिन लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार रात के 9 बजकर 14 मिनट से प्रारंभ होने जा रहा है और समापन 03 अक्टूबर भोर 03 बजकर 17 मिनट मे होगा. वहीं 3 अक्टूबर को ही शारदीय नवरात्रि की कलशस्थापन भी है. हालांकि यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं रहने वाला है. इसके कारण प्रभाव भी नहीं पड़ेगा. इसलिए घटस्थापन का जो शुभ मुहूर्त है उसी मुहूर्त में घटस्थापन करें.

कलश स्थापन से पहले कर लें ये कार्य
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने वाला है. जिसके कारण ज्यादा प्रभाव भारत पर नहीं पड़ेगा, लेकिन ग्रहण अशुभ ही माना जाता है. इसलिए शारदीय नवरात्रि के घटस्थापन से पहले गंगाजल से स्नान कर लें और जिस जगह घटस्थापन करेंगे उस जगह पर गंगाजल पवित्र अवश्य कर लें. क्योंकि शारदीय नवरात्रि में पवित्रता का खास महत्व होता है.

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
3 अक्टूबर की सुबह 5 से लेकर 7 बजे तक शुभ मुहूर्त है. अगर इस समय आप कलश स्थापना ना कर पाएं तो अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना भी शुभ ही माना जाता है. उस दिन 11 बजकर 52 मिनट से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहने वाला है. इस मुहूर्त में कलश स्थापन कर सकते हैं.

 

scroll to top