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विशेष पिछड़ी जनजाति कमार परिवार डर और धमकी के साए में जीने को मजबूर

० जेल भेजने की धमकी देकर 30 हजार रुपए की डिमांड, डरकर परिवार ने दिए 5 हजार रुपए

० परेशान पीड़ित परिवार मदद की गुहार लगाने पहुंचे कलेक्ट्रेट

जीवन एस साहू

गरियाबंद। एक तरफ सरकार प्रधानमंत्री जनमन योजना का संचालन कर विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार कमार लोगों के भलाई के लिए काम कर रही है। उन्हें विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने का दावा करती है। वहीं दूसरी ओर जिले में रहने वाले एक कमार परिवार डर और धमकी के साए में दिन काटने को मजबूर है। आबकारी विभाग के कर्मचारी द्वारा एक कमार परिवार से आए दिन परेशान कर रुपयों की मांग की जा रही है। अवैध शराब निर्माण की झूठी कार्यवाही का डर और दबाव बनाकर 30 हजार रुपए की मांग गरीब परिवार से कर चुके है। डर के कारण परिवार ने जैसे तैसे 5 हजार रुपए का जुगाड कर उक्त कर्मचारी को दिए है। आगे भी परेशान किया जा रहा है। इससे परिवार बहुत मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करने को मजबूर है।

दरअसल तहसील गरियाबंद अंतर्गत ग्राम पंचायत पोटिया के आश्रित गांव अमेठी के रहने वाली चित्ररेखा कमार पति मनोज कमार ने आबकारी विभाग के कुछ कर्मचारियों द्वारा अवैध शराब बिक्री के नाम पर उनके परिवार से कर रहे अवैध वसूली की शिकायत करने जनदर्शन में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची थी। उन्होंने बताया कि मेरे घर में मेरे पति व सास-सुसर और एक दुधमुह बच्ची है। दिनाक 27.08.2024 को जब मैं घर पर अकेली थी, तब 05 से 06 लोग मेरे घर में जबरदस्ती घुस आये और मेरे द्वारा रोकने पर एक व्यक्ति के द्वारा मेरे साथ छक्का-मुक्की किया गया, जिससे में जमीन में गिर गई जिससे मेरे सीने और हाथ में दर्द हो रहा है। एक व्यक्ति के द्वारा मुझे तुम दारू बेचती हो बोलकर गाली दिया गया और जेल भेज दूंगा करके बोले। उसके बाद सभी व्यक्तियों के द्वारा मेरे घर की तलाशी व मेरे घर के सामान को इधर-उधर फेक दिया, मुझे आबकारी आफिस आने बोले तो मैं डर गई। ऑफिस जाने से मुझे 30,000/-रूपये की मांग की गई। जिससे मैं डर गई और जेल भेज दुंगाकर धमकी दिया। जिससे मैंने डरकर 5000/- रूपये दिया। उसके बाद घर आने के बाद मोबाइल नंबर 8120746264 से बार-बार फोन करके मुझे धमकी दिया जा रहा है। बाकि रकम को गरियाबंद दारू भ‌ट्ठी के पास आकर पैसा जमाकर नहीं तो जेल भेजवा दुंगा ऐसा करके बोले है।

इस प्रकार पीड़ित परिवार 24 घंटे दर और धमकी के साए में दिन बिता रहे हैं। शासन प्रशासन से गुहार लगाने के लिए अधिकारियों से भी मिल चुके हैं। अब देखना होगा कि गरीब परिवार को डर और धमकी से मुक्ति मिलेगी या रौबदारों का दबदबा ऐसा ही चलता रहेगा। संबंधित विभाग को चाहिए की विशेष पिछड़ी जनजाति गरीब कमार परिवार को न्याय दिलाए और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए।

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