हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी को नारंगी सिंदूर सिन्दूर चढ़ाने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनकी भक्ति का पूर्ण फल मिलता है. आमतौर पर लोग पूजन के साथ हनुमान जी को नारंगी सिंदूर चढ़ाकर सभी कामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं और साथ ही ऐसा कहा जाता है कि इससे बजरंगबली प्रसन्न होकर सभी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं.
पौराणिक कथा के अनुसार, लंका से लौटने के बाद एक दिन जब माता सीता अपनी मांग में सिंदूर भर रही थीं उस समयत भी हनुमान जी ने उनसे इसका कारण पूछा. हनुमान जी के इस प्रश्न का जवाब देते हुए माता सीता ने कहा कि प्रभु श्रीराम की लंबी उम्र की कामना के लिए वो मांग में सिंदूरलगाती हैं. माता सीता की यह बात सुनकर हनुमान जी ने सोचा कि अगर थोड़ा सा सिंदूर लगाने से प्रभु को इतना लाभ है तो पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने से प्रभु श्रीराम अमर हो जाएंगे. उस दिन से हनुमान जी ने अपने शरीर में सिंदूर का लेप लगाना शुरू कर दिया. उसी समय से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की प्रथा भी प्रचलित हो गई.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि कोई भक्त किसी संकट से जूझ रहा है तो हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने से उसके सभी संकट दूर होते हैं. इससे हनुमान जी प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि सिंदूर चढ़ाने से हनुमान जी अपने भक्त के जीवन में आ रही सभी बाधाओं को दूर करते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने से कई लाभ मिलते हैं
1. हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की इच्छाएं पूरी करते हैं.
2. व्यक्ति को बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है.
3. रूके हुए काम धीरे-धीरे बनने लगते हैं.
4. नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है.
5. एकाग्रता बनी रहती है.
6. मंगल दोष से छुटकारा मिलता है.
7. सैभाग्य में वृद्धि होती है.
हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने के बारे में कुछ और बातें
1. हनुमान जी को नारंगी सिंदूर चढ़ाना चाहिए, क्योंकि लाल सिंदूर सुहाग का प्रतीक है. वहीं, नारंगी सिंदूर समर्पण का प्रतीक है.
2. हनुमान जी को सिंदूर के साथ चमेली का तेल या फूल चढ़ाना चाहिए. चमेली का तेल या फूल नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है.
3. हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार का दिन विशेष महत्व रखता है.