कोलकाता। आरजी कल मेडिकल कॉलेज के 45 से अधिक सीनियर डॉक्टर्स समेत स्टाफ के कई सदस्यों ने मंगलवार को जूनियर डॉक्टर का समर्थन करते हुए इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, अगस्त में हॉस्पिटल के परिसर में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की गई थी। जिसके बाद लगातार जूनियर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस्तीफा सौंपते समय डॉक्टरों ने दावा किया कि उनके कनिष्ठ सहयोगियों की मांगें पूरी नहीं की गई हैं और प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से जुड़ी जांच में “कोई प्रगति नहीं” हुई है। उन्होंने आरजी कर अस्पताल के प्रशासन से प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ “समझौता” करने का भी आग्रह किया, जो प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर ‘आमरण अनशन’ पर हैं।
डॉक्टरों ने आरजी कर अस्पताल प्रशासन को लिखे पत्र में कहा, “अभी भूख हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की हालत बिगड़ रही है। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के साथ समझौता करे।” वरिष्ठ डॉक्टरों ने एक बयान में कहा, “आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के हम वरिष्ठ डॉक्टर सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं, क्योंकि सरकार भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की बिगड़ती हालत से बेखबर है और अगर हालात की मांग हुई तो हम व्यक्तिगत इस्तीफा भी देंगे।”
इस बीच, डॉक्टरों के एक अन्य संगठन, ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स (जेपीडी) ने भी अपने कनिष्ठ सहयोगियों के समर्थन में एक बयान जारी किया। जेपीडी के संयुक्त संयोजक डॉक्टर पुण्यब्रत गुण और हीरालाल कोनार ने एक बयान में कहा, “सरकारी सेवा में कई संकाय सदस्यों/वरिष्ठ डॉक्टरों ने चल रहे आंदोलन ‘अभया के लिए न्याय’ और भ्रष्टाचार के खतरे वाले सिंडिकेट के खिलाफ, कैंपस लोकतंत्र और रोगी-अनुकूल प्रणाली के लिए सामूहिक इस्तीफा देने की इच्छा व्यक्त की है। जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल पर हैं और अपनी मांगों को लेकर पिछले पांच दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।”