जम्मू। अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस की जीत के बाद उमर अब्दुल्ला के जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए मंच तैयार है।
शपथ ग्रहण समारोह से पहले जम्मू-कश्मीर के मनोनीत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की मजार-ए-अनवर पर पुष्पांजलि अर्पित की।
‘बहुत कुछ करना है, लोगों को एक हौसला देना है’
जम्मू-कश्मीर के मनोनीत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं 6 साल का कार्यकाल पूरा करने वाला आखिरी मुख्यमंत्री था। अब मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला मुख्यमंत्री बनूंगा। 6 साल तक सेवा की, मैं इससे काफी खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है। हम लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करके शुरू करना होगा। बहुत कुछ करना है, लोगों को एक हौसला देना है कि उनकी हुकूमत है, उनकी आवाज सुनी जाएगी। 5-6 साल हो गए कोई लोगों को सुनने के लिए तैयार नहीं था। हमारा फर्ज बनेगा कि हम उनकी बात सुने और उस पर अमल करें। हमारी कोशिश रहेगी कि हम लोगों के उम्मीदों के बराबर आएं।’
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
समारोह स्थल के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा को इस कार्यक्रम में कई वीवीआईपी शामिल होंगे। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए इंडिया गठबंधन के घटकों को निमंत्रण भेजे गए हैं।
डल झील के किनारे स्थित शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सुबह 11:30 बजे पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।