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रविवि के अर्थशास्त्र अध्य्यनशाला में राष्ट्र विफल क्यों होते हैं विषय पर हुई पुस्तक चर्चा 

रायपुर। अर्थशास्त्र अध्ययनशाला ,पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.) में विभागीय किताब  क्लब द्वारा नोबेल पुरस्कार विजेता 2024, डारोन एसेमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए रॉबिन्सन द्वारा  लिखित किताब राष्ट्र विफल क्यों होते हैं विषय पर पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के पैनलिस्ट डॉ. रविंद्र के ब्रह्मे, विभागाध्यक्ष एवं आचार्य, अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, सुश्री अंगजा खंकेरियाल और श्री प्रशांत पंचे, पूर्व छात्र अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)  थे । चर्चा की शुरुआत पैनलिस्ट सुश्री खंकेरियाल ने यह बताते हुए की कि कैसे संस्थाएं आर्थिक विकास की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यूरोप में हुए आलोचनात्मक अनुमान और संस्थागत बदलावों के बारे में भी चर्चा की है। दूसरे पैनलिस्ट श्री पंचे ने संयुक्त राज्य अमेरिका का उदाहरण देकर आर्थिक विकास की संस्थागत सोच पर चर्चा की। उन्होंने चीन और उत्तर कोरिया की कानून व्यवस्था और शासन पद्धतियों पर भी प्रकाश डाला है। तीसरे पैनलिस्ट प्रोफेसर रविंद्र के ब्रह्मे ने यह कहते हुए चर्चा शुरू की है कि संस्थान किसी राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सिटी नोगेल्स का उदाहरण दिया ,जिसका कुछ हिस्सा संयुक्त राज्य अमेरिका में और दूसरा मेक्सिको में है और इस बात पर प्रकाश डाला है कि भौगोलिक, जलवायु और     सांस्कृतिक क्षेत्र एक ही होने के बावजूद, दोनों क्षेत्रों में संस्थागत व्यवस्था अलग-अलग है। जो कुल मिलाकर एक अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अलावा, उन्होंने यूरोपीय औपनिवेशिक संस्थानों पर ध्यान केंद्रित किया है और इस प्रकार के संस्थान बनाने के कारण बताए हैं। उन्होंने कहा कि संस्थाओं के अभाव के कारण आर्थिक विकास नहीं हो रहा है। जिन राष्ट्रों में संस्थाएँ हैं वे प्रगति कर रहे हैं और इसके विपरीत, जहाँ संस्थाएँ नहीं हैं , वे प्रगति नहीं कर रहे हैंे। उन्होंने यूरोप की ब्लैक डेथ और यूनाइटेड किंगडम की गौरवशाली क्रांति का उदाहरण देकर अपनी चर्चा समाप्त की।
अर्थशास्त्र अध्ययनशाला के प्रोफेसर एवं कार्यक्रम के संयोजक डॉ. बी.एल. सोनेकर ने अपने स्वागत भाषण में नोबेल पुरस्कार के इतिहास और शैक्षणिक क्षेत्र में पुस्तक चर्चाओं के आयोजन के महत्व के बारे में चर्चा की। अर्थशास्त्र अध्ययनशाला की सहायक प्राध्यापक डॉ. अर्चना सेठी ने अपने समापन भाषण में आर्थिक विकास की प्रक्रिया में चिंता के क्षेत्रों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में  सी.के.वर्मा के साथ-साथ शोध छात्र और एम. ए प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. प्रगति कृष्णन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया एवं कार्यक्रम का संचालन एम.ए प्रथम सेमेस्टर के छात्र  हर्षित राव रणसिंह द्वारा किया गया।
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