दिल्ली। भारतीय रेलवे अब सुरक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। रेलवे हादसों को रोकने और यात्रियों को पूरी तरह सुरक्षित यात्रा का अनुभव देने के लिए रेल मंत्रालय ने अत्याधुनिक कवच 4.0 तकनीक लागू करने का काम तेज कर दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऐलान किया है कि आने वाले छह सालों में देशभर के सभी रेलवे ट्रैक्स और लोकोमोटिव में यह तकनीक पूरी तरह से इंस्टॉल कर दी जाएगी।
क्या बोले रेल मंत्री?
रेल मंत्री ने बताया कि कवच 4.0 को लोकोमोटिव (रेल इंजन) और रेल पटरियों पर प्राथमिकता के साथ इंस्टॉल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “अगले छह सालों में देश के पूरे रेल नेटवर्क में कवच तकनीक को लागू कर दिया जाएगा। इससे रेलवे जल्द ही जीरो ट्रेन एक्सिडेंट और जीरो ट्रेन डिरेलमेंट का कीर्तिमान स्थापित करेगा।”
क्या है ‘कवच 4.0’ तकनीक?
कवच 4.0 एक अत्याधुनिक और पूरी तरह स्वचालित सुरक्षा प्रणाली है। यह तकनीक सुनिश्चित करती है कि: अगर ट्रेन की गति तय सीमा से 2 किमी/घंटा अधिक होती है, तो अलार्म बजने लगता है। ट्रेन की स्पीड 5 किमी/घंटा से अधिक होते ही ऑटोमैटिक ब्रेक लग जाते हैं। यह प्रणाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए खासतौर पर विकसित की गई है।
तेज गति से हो रहा काम
रेलवे के पास वर्तमान में 18,000 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव हैं। रेल मंत्रालय ने अगले दो साल में इनमें से 10,000 इंजनों में कवच लगाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, चार साल में पूरे रेल नेटवर्क और सभी इलेक्ट्रिक रेल पटरियों पर यह प्रणाली लागू की जाएगी।
भारत में रेल सुरक्षा का नया अध्याय
रेलवे के अधिकारियों का मानना है कि कवच 4.0 के लागू होने से ट्रेन दुर्घटनाओं की संभावना न के बराबर हो जाएगी। यह तकनीक यात्रियों की सुरक्षा को एक नया आयाम देगी और भारतीय रेलवे को और अधिक आधुनिक और भरोसेमंद बनाएगी। रेल मंत्री के इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि आने वाले वर्षों में भारतीय रेलवे में यात्राएं न केवल अधिक तेज होंगी बल्कि पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित भी।