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राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से भू -माफिया पर मंदिर की सार्वजनिक जमीन को बेचने का आरोप

रायपुर। हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद एक भू माफिया और राजस्व अधिकारियों ने मिलीभगत कर सैकड़ों साल पुराने दो मंदिरों की जमीन को हेराफेरी कर अवैध रूप से बिक्री कर रहे हैं। हीरापुर, टाटीबंध निवासी अलकेश जैन ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि एक भू-माफिया और स्वयंभू महंत हनुमान मंदिर व गोपीदास मंदिर की जमीन को बेच रहे हैं, जबकि उन्हें कोई अधिकार नहीं है। अलकेश जैन ने फर्जीवाड़ा की सूक्ष्म जांच कर दोषी अधिकारियों एवं भूमाफिया पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।
अलकेश जैन ने बताया कि धरमपुरा में गोपीदास मंदिर व हनुमान मंदिर की सैकड़ों एकड़ जमीन है। इसका मूल्य हजारों करोड़ है।

अलकेश जैन ने आरोप लगाया कि स्वयंभू महंत ने सरकारी रिकार्ड में हेराफेरी कर कलेक्टर रायपुर व सार्वजनिक न्यास का नाम विलोपित करवा दिया और 500 करोड़ रुपए की लगभग 40 एकड़ जमीन अपने नाम करने की कूट रचना कर डाली। अलकेश जैन ने आरोप लगाया कि गड़बड़ी तहसील स्तर पर की गई, जबकि सार्वजनिक न्यास की संपत्ति के अंतरण का अधिकार पंजीयक सार्वजनिक न्यास व कलेक्टर को होता है।

अलकेश जैन ने बताया कि दोनों मंदिर जैतुसाव मठ ट्रस्ट समिति से सबद्ध है। जैतुसाव मठ ट्रस्ट की याचिका पर हाईकोर्ट ने स्टे दिया है। इसके बावजूद एक भू माफिया ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर मंदिर की बेशकीमती जमीन को कौड़ी के दाम में बेचने का खेल खेला। भू माफिया ने बुनकर मजदूरों की पंडरी स्थित जमीन में कुटरचना कर हड़पने की साजिश की कोशिश की। अलकेश जैन ने मंदिर की जमीन को हेराफेरी करने वाले राजस्व अधिकारियों को बर्खास्त कर जेल भेजने की मांग की है। अलकेश जैन ने भू माफिया के एक मंत्री के स्टाफ से अच्छे संबंध का भी जिक्र किया है।

अलकेश जैन ने आरोप लगाया है कि निचले स्तर के राजस्व अधिकारियों ने स्वयंभू महंत को गोपीदास मंदिर का सरवराकार घोषित कर दिया, जो कि गलत है। स्वयंभू महंत गोपीदास मंदिर को अपना निजी मंदिर बताकर मंदिर की संपत्ति की अवैध बिक्री कर रहा है।

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