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भिलाई के डॉ परदेशीराम वर्मा 30 दिसम्बर को दुष्यंत आंचलिक भाषा राष्ट्रीय सम्मान से होंगे सम्मानित 

भिलाई। 30 दिसंबर 24 को भोपाल के दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय में राष्ट्रीय अलंकरण एवं स्मृति सम्मान का आयोजन 29 से 31 दिसंबर 24 तक होगा। इस तीन दिवसीय समारोह में डॉ. ममता कालिया, डॉ. राधावल्लभ त्रिपाठी एवं डॉ. परदेशीराम वर्मा को राष्ट्रीय अलंकरण प्रदान किया जाएगा।
डॉ. परदेशीराम वर्मा को दुष्यंत आंचलिक भाषा राष्ट्रीय सम्मान 24 प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि डॉ. परदेशीराम वर्मा ने प्रेमचंद की कहानियों का छत्तीसगढ़ी में अनुवाद किया जिसे  के.के. प्रकाशन नई दिल्ली ने अगासदिया प्रेमचंद पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया। डॉ. परदेशीराम वर्मा लिखित छत्तीसगढ़ी उपन्यास आवा पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय मं विगत बीस वर्षों से एम. ए. के पाठ्यक्रम में सम्मिलित है। छत्तीसगढ़ी कहानी मरिया दसवीं हिन्दी के पाठ्यक्रम में 15 वर्षों से सम्मिलित है।
छत्तीसगढी़ में दो कहानी संग्रह तथा हिन्दी में आठ कथासंग्रह के अतिरिक्त तीन उपन्यास और तीस अन्य ग्रंथ उनके प्रकाशित हैं । अगासदिया एवं आगमन त्रैमासिक पत्रिकाओं के संपादक डॉ. परदेशीराम वर्मा को 2003 में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से मानद डी. लिट की उपाधि प्रदान की गई। उन्होंने छत्तीसगढ़ के सपूतों पर दूरदर्शन रायपुर के लिए एक 13 कड़ियों में सीरियल भी लिखा। वे साक्षरता अभियान के भिलाई के परियोजना संयोजक तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रतिष्ठापूर्ण लोककला महोत्सव का दस वर्षों तक संयोजन किया।
पांच शोध कार्य उनके लेखन पर हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ राज्य का शीर्ष साहित्य सम्मान पं. सुन्दरलाल शर्मा सम्मान से विभूषित डॉ. परदेशीराम वर्मा के साथ ही प्रसिध्द लेखिका डॉ. ममता कालिया एवं डॉ. राधावल्लभ त्रिपाठी भी तीन दिसंबर को सम्मानित होंगे। राष्ट्रीय सम्मान 24 प्राप्त तीनों लेखकों की रचनाओं का पाठ 31 दिसंबर को 11 बजे अयोजित है। समारोह का उद्घाटन 29 दिसंबर को तथा समापन 31 दिसंबर 24 को होगा।
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