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Jalgaon Train Accident: जलगांव रेल हादसा,ट्रेन में फैली अफवाह ने निगल लीं 13 जानें,मृतकों के परिजनों को 15 लाख और घायलों को 5 लाख के मुआवजे की घोषणा

 

जलगांव। उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम एक ट्रेन में आग की अफवाह फैली। इसके बाद यात्री दहशत में आए। घबराए यात्रियों ने ट्रेन से बाहर कूदना शुरू कर दिया। इस दौरान पटरी पर उतरे कुछ यात्री पास की पटरी पर विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। अधिकारियों ने इस हादसे में कम से कम 13 यात्रियों की मौत होने की जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि हादसा उस समय हुआ, जब 12533 लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में सवार यात्री आग लगने के डर से जल्दबाजी में बगल की पटरियों पर कूद गए और बंगलूरू से दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।

मध्य रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना में 15 अन्य यात्री घायल हो गए। दुर्घटना उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पचोरा कस्बे के निकट माहेजी और परधाड़े स्टेशन के बीच हुई। दुर्घटना उस समय हुई, जब शाम करीब 4:45 बजे किसी ने चेन खींच दी, जिसके बाद पुष्पक एक्सप्रेस रुक गई।
हालांकि, रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने इस बात से इनकार किया कि डिब्बे के अंदर किसी चिंगारी या आग के कारण यात्रियों ने अलार्म बजाया। उन्होंने बताया कि हमें जो सूचना मिली है उसके अनुसार कोच में कोई चिंगारी या आग नहीं देखी गई। इस बीच स्विटजरलैंड के दावोस से एक वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ट्रेन में कुछ यात्रियों ने गलती से मान लिया कि ट्रेन से धुआं निकल रहा है और वे कूद गए। दुर्भाग्य से वे दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। उन्होंने इस त्रासदी में मारे गए यात्रियों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। सेंट्रल सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त दुर्घटना के कारणों की जांच करेंगे।

 

मुख्यमंत्री के अलावा रेलवे बोर्ड ने अलग से मृतकों के परिजनों को 1.5-1.5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 5,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। जलगांव जिला सूचना अधिकारी युवराज पाटिल ने बताया कि इस हादसे में 12 यात्रियों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस महज 15 मिनट में ही घटनास्थल से रवाना हो गई, जबकि कर्नाटक एक्सप्रेस को दुर्घटना के 20 मिनट के भीतर ही हटा दिया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटना में मारे गए यात्रियों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की तथा सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘महाराष्ट्र के जलगांव में रेलवे पटरी पर हुए दुखद हादसे से दुखी हूं। मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। अधिकारी प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना को अत्यंत दुखद बताया। उन्होंने उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस से बात की और स्थिति का जायजा लिया। शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘महाराष्ट्र के जलगांव में हुई रेल दुर्घटना अत्यंत दुखद है। मैंने इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस जी से बात की और दुर्घटना के बाद उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया। स्थानीय प्रशासन घायलों को हरसंभव सहायता उपलब्ध करा रहा है। मैं इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’
विश्व आर्थिक मंच में भाग लेने के लिए वर्तमान में दावोस में मौजूद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया। रेलवे बोर्ड की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और अन्य अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ली और सभी घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए। उन्होंने घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

एक यात्री ने मराठी समाचार चैनल को बताया कि जब ब्रेक लगाए गए तो कुछ यात्रियों ने ट्रेन के पहियों से चिंगारियां निकलती देखीं, जिसके बाद वे घबरा गए। फिर कुछ यात्रियों ने आपातकालीन चेन खींच दी और पटरी पर उतर गए, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। पचोरा निवासी सलमान पठान ने बताया कि उन्होंने पटरियों पर क्षत-विक्षत शव देखे।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार पुष्पक एक्सप्रेस के एक सामान्य कोच में ‘हॉट एक्सल’ या ‘ब्रेक बाइंडिंग’ (जामिंग) के कारण चिंगारी और धुआं निकला।

हादसे की वजह क्या?
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि प्रथम दृष्टया सामने आया है कि घुमावदार ट्रैक होने के कारण कर्नाटक एक्सप्रेस की दृश्यता प्रभावित हुई। जिसके चलते ये हादसा हुआ। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, रेलवे के ट्रंक रूट के अंतर्गत आने वाले इस सेक्शन पर ट्रेनें 100 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से चलती हैं। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों ट्रेनों के ड्राइवरों ने प्रोटोकॉल का पालन किया था। साथ ही उन्होंने दुर्घटना से बचने की पूरी कोशिश की।

मध्य रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुष्पक एक्सप्रेस के ड्राइवर ने नियम के मुताबिक घटनास्थल पर फ्लैशर लाइट चालू कर दी थी। उन्होंने बताया कि कर्नाटक एक्सप्रेस के ड्राइवर ने पुष्पक एक्सप्रेस की फ्लैशर लाइट सिग्नल देखकर ब्रेक लगा दिया था। लेकिन ट्रैक के घुमावदार होने की वजह से कर्नाटक एक्सप्रेस की दृश्यता और उसकी ब्रेक लगाने की दूरी प्रभावित हुई।

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